जमीयत-उलमा-ए-हिंद के नेतृत्व में मुस्लिम समुदायों के 25 नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर सबका साथ सबका विकास के नारे पर भरोसा जताया।
मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने ऐसे वक्त में प्रधानमंत्री से मुलाकात की है, जब देश में ट्रिपल तलाक से लेकर राम मंदिर निर्माण को लेकर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। इसके साथ ही कश्मीर में पिछले महीनों के दौरान आतंकी और लूट-पाट की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
मुस्लिम नेताओं ने ट्रिपल तलाक के मसले पर प्रधानमंत्री मोदी के रुख को सराहा।
मोदी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को ट्रिपल तलाक के मुद्दे का राजनीतिकरण का मौका नहीं देना चाहिए। उन्होंने सभी नेताओं से इस बारे में सुधार के उपाय किए जाने की अपील की।
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बैठक के बाद मौलाना एम मदनी ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'सभी मसलों पर उनका रुख सकारात्मक और संतोषजनक रहा है। हम कई उम्मीदों के साथ जा रहे हैं।'
कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि केवल प्रधानमंत्री मोदी ही इस मसले का समाधान कर सकते हैं।
कुछ दिनों पहले ही जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ही कश्मीर को इस दलदल से बाहर निकाल सकते हैं। कश्मीर में बिगड़ते हालात को लेकर केंद्र और राज्य दोनों ही चिंतित हैं।
प्रधानमंत्री के साथ हुई इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे।
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मुस्लिम नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के 'सबका साथ सबका विकास' के नारे को लेकर प्रतिबद्धता जताई।
मुस्लिम नेताओं ने कहा कि उनका समुदाय प्रधानमंत्री मोदी के न्यू इंडिया के विजन में बराबरी की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती मानते हुए सभी नेताओं ने इससे साथ मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई।
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HIGHLIGHTS
- जमीयत-उलमा-ए-हिंद के नेतृत्व में मुस्लिम समुदायों के 25 नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की
- मुस्लिम नेताओं ने ट्रिपल तलाक के मसले पर प्रधानमंत्री मोदी के रुख को सराहा
- प्रधानमंत्री के साथ हुई इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे
Source : News Nation Bureau