दिल्ली और आस-पास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बिगड़ती ही जा रही है. इसलिए अगर ज़रूरी न हो तो इस मौसम में दिल्ली आने से बचें. रविवार के मिले आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर 'बहुत ख़राब' दर्ज किया गया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित कर रहा है. वायु में पाए जाने वाले पीएम 2.5 और पीएम 10 जीवन के लिए सबसे गंभीर माना जाता है. धूल, गर्द और धातु जैसे सूक्ष्मकण पीएम 2.5 के अंतर्गत आता है जबकि कंस्ट्रक्शन, कूड़ा व पराली या लकड़ी जलाने के बाद उड़ने वाले कण पीएम 10 के अंतर्गत आता है. पीएम 10 की वजह से ही धूंघ और विजिबिलिटी की समस्या भी पैदा होती है.
पीएम 2.5 बच्चे, बुजुर्ग और सांस की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए सबसे अधिक नुकसानदेह होता है. श्वास नली के ज़रिए पीएम 2.5 आसानी से फेफड़े में पहुंच जाता है और सांस लेने में तकलीफ और खांसी की समस्या आदि परेशानी पैदा करता है. इतना ही नहीं अगर लगातार प्रदूषण के संपर्क में कोई व्यक्ति रहा तो उसे फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के 90 फीसदी बच्चे प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. इससे ख़ासकर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. इतना ही नहीं बच्चों की हड्डियों एवं मांसपेसियों का विकास भी धीमा हो जाता है.
प्रदूषण स्नायुतंत्र को प्रभावित कर रहा है, इस वजह से उम्र के हिसाब से समझ विकसित नहीं हो पाने की समस्या एक गंभीर बीमारी के रूप में सामने आ रही है.
डॉक्टर्स के मुताबिक अस्थमा, क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस, स्किन अलर्जी, आंखों में जलन के साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. कई प्रकार की अलर्जी और फेफड़ों के कैंसर तक का खतरा होता है. मस्तिष्क और गुर्दे पर भी असर पड़ता है.
रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के स्वास्थ्य के लिए प्रदूषण आज सबसे बड़ी समस्या बन चुका है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु कारण बन चुका है. इस आयु वर्ग में दस में एक मौत प्रदूषण के कारण हो रही है.
प्रदूषण से बचने के लिए सबसे बेहतर उपाय है कि कुछ दिनों के लिए दिल्ली-एनसीआर इलाकों को गुड बाय कह दें लेकिन अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो बेहतर है कि मास्क लगा कर खुले में घूमें. सुबह-सुबह जॉगिंग करना आपके स्वास्थ्य के लिए ज़्यादा हानिकारक हो सकता है इसलिए अभी के समय में मॉर्निंग वॉक से बचें. सुबह उठकर पीने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करें. अगर संभव हो तो ज़्यादातर समय पीने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करे, इससे आपके श्वास नली में चिपकी गंदगी आसानी से हट जाती है.
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आहार में विटामिन सी का भरपूर ख़्याल रखें. ताज़े फल और सब्ज़ी को भी गर्म पानी में धोकर इस्तेमाल करें. इससे उसपर चिपकी गंदगी, चमकाने के लिए लगाए गए रंग और वैक्स आसानी से हट जाता है.
Source : Deepak Singh Svaroci