आधिकारिक डाटा के अनुसार पश्चिम बंगाल और दिल्ली दो ऐसे राज्य हैं जिन्होंने अभी तक रेप पीड़िताओं की काउसेलिंग के लिये 'वन स्टॉप सेंटर' को लेकर कोई रुचि नहीं दिखाई है।
ये हाल तब का है जब दिल्ली में आए दिन रेप की घटनाओं की खबर आती है और रेप कैपिटल के नाम से भी इसकी पहचान बननी शुरू हो गई थी। नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के 2015 के डाटा के अनुसार रेप के मामले में दिल्ली का देश में पांचवा और पश्चिम बंगाल का स्थान का स्थान सातवां है।
बलात्कार, घरेलू हिंसा, ट्रैफिकिंग, एसिड अटेक और ऑनर किलिंग के पीड़ितों को मनोवैज्ञानिक उपचार, मेडिकल और कानूनी सहायता एक ही जगह मिल सके इसके यह योजना लाई गई थी। इन दोनों जगहों को छोड़ दिया जाए तो ओएससी को लेकर बाकी जगहों पर सकारात्मक पहल की गई है।
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बता दें कि इस तरह के सेंटर्स की संख्या पिछले साल केवल 16 थी, वहीं इस साल ये बढ़कर 151 पहुंच गई है। एक अधिकारी के मुताबिक दिल्ली और पश्चिम बंगाल को इस बारे में कई बार बोला गय है लेकिन उनका रवैया पहले जैसा ही रहा है।
उधर, पंश्चिम बंगाल सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि ओएससी सेंटर्स को नहीं बनाने का फैसला राजनीति है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कन्याश्री योजना शुरू कर रखी है। इसमें लड़कियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाता है।
दिल्ली में योजना के तहत विभिन्न अस्पतालों में 11 ओएससी खोले गए हैं, इतनी संख्या में केंद्र खोले जाने की योजना है।
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Source : News Nation Bureau