दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित की तरफ से 280 ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां भंग किए जाने के बाद अब पार्टी में ही आपसी गुटबाजी शुरू हो गई है. इस मामले में पार्टी प्रभारी पीसी चाको और शीला दीक्षित एक दूसरे के आमने सामने आ गए हैं. दरअसल पीसी चाको 280 ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां भंग करने को लेकर नाराज है. उनका कहना है कि इस फैसले के लिए उनसे बातचीत नहीं की गई. खबरों के मुताबिक शीला दीक्षित के इस फैसले को लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पार्टी महासचिव वेणुगोपाल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने शीला दीक्षित के इस कदम की शिकायत की.
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दरअसल पार्टी नेताओं का कहना कि ब्लॉक कमेटियों को भंग करने का फैसला गलत था, क्योंकि सभी ब्लॉक अध्यक्ष मेहनत से काम कर रहे थे. वहीं कुछ पार्टी नेता ऐसे भी हैं जो शीला दीक्षित के इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं. इन नेताओं ने पीसी चाको और वेणुगोपाल से मुलाकात भी की थी. उनका कहना था कि शीला दीक्षित के इस फैसले से पार्टी में ताजगी आएगी.
बता दें, जिला कांग्रेस कमेटियां भंग करने के लिए एआईसीसी से अनुमति मांगी जा रही थी. इन कमेटियों को भंग करने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुनर्गठन की तैयारी चल रही है. शीला दीक्षित ने लोकसभा चुनाव 2019 में हार के कारणों की जांच के लिए गठित 5 सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया था.
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आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव-2019 में दिल्ली की सातों सीटों (नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक) पर हार के बाद आरोप-प्रत्यारोप और इस्तीफे की राजनीति चरम पर थी इसके बीच शुक्रवार को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित एवं प्रदेश प्रभारी पीसी चाको कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी के सामने पेश हुए जिसके बाद ये बड़ा फैसला लिया गया है.