पूरी दुनिया को अपने संक्रमण से स्थिर कर देने वाली महामारी ने अब भारत में अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है. जी हां हम बात कर रहे हैं कोरोनावायरस (Corona Virus) की जिसने पूरी दुनिया को जीतने के बाद अब भारत में डेरा डाल दिया है. देश में कोरोना महामारी के बढ़ते संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक के बाद एक करके लगातार 4 चरणों में लॉकडाउन किया अब एक जून से देश में अनलॉक - 1 (Unlock 1.0) लागू कर दिया गया है. इस महामारी को देश की राजधानी दिल्ली में रोकने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी के बॉर्डर को सील करने का फैसला किया है. कोरोना को रोकने के लिए दिल्ली सरकार के उठाए गए इस कदम के तहत अब दिल्ली से सटे बॉर्डर को अगले एक सप्ताह तक सील रखा जाएगा. हालांकि, इस दौरान जिन लोगों को विशेष कार्यों के लिए पास जारी होगा उन्हें और जरूरी क्षेत्र से जुड़े लोगों को एंट्री मिल पाएगी.
जब राजधानी दिल्ली की सीमाएं एक सप्ताह के लिए बंद कर दी गईं हैं तो अब ऐसे में एनसीआर इलाके में रहने वाले उन लोगों का क्या होगा जो लोग रोजाना अपने कामों के लिए दिल्ली आते जाते हैं. आइए एक नजर डालते हैं दिल्ली के सीमावर्ती उन राज्यों के लोगों पर जो दिल्ली में नौकरी करते हैं या फिर दिल्ली में उनका कारोबार है जिसकी वजह से उन्हें रोजाना किसी न किसी बात के लिए दिल्ली का आना-जाना रहता है.
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दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने अगले एक सप्ताह तक के लिए दिल्ली से सटे बॉर्डर को सील कर दिया है. यानी अब दिल्ली में नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे एनसीआर के शहरों से किसी को एंट्री नहीं मिल पाएगी. जिन लोगों के पास इस बॉर्डर को पार करने का जरूरी काम के लिए कार्ड बना है यानी जो पास प्रशासन की ओर से जारी किए जा रहे हैं और जरूरी कार्यों से जुड़े लोगों को इस दौरान एंट्री मिल पाएगी. वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अपने लोगों से सुझाव मांगा है कि क्या दिल्ली के बॉर्डर को आगे भी सील रखा जाए. इसको लेकर अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वालों से शुक्रवार शाम तक सुझाव मांगें हैं. दिल्ली में डीटीसी की बसें अब गुरुग्राम या दिल्ली के लिए नहीं चल पाएंगी. ये दिल्ली की सीमाओं तक ही चलेंगी.
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हरियाणा की सीमारेखा से दिल्ली में आने वालों का अब क्या होगा?
- केंद्र सरकार द्वारा देश में लागू किए गए अनलॉक 1 के तहत हरियाणा सरकार ने दिल्ली से सटे बॉर्डर खोलने का फैसला लिया था. जिसके तहत गुरुग्राम, फरीदाबाद से लोग निजी वाहन और सार्वजनिक वाहन से दिल्ली आ सकते थे.
- इस बार दिल्ली की राज्य सरकार ने अपना बॉर्डर सील किया है, यानी हरियाणा की ओर से आने वाले सार्वजनिक वाहन अब दिल्ली की सीमारेखा नहीं पार कर पाएंगे. वहीं हरियाणा की सीमारेखा से दिल्ली आने वाले निजी वाहनों वालों को पास रखने की जरूरत होगी.
- आपको बता दें कि हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद से कामकाज हजारों लोग रोजाना दिल्ली के लिए अप-डाउन करते हैं. ऐसे में अब जब दिल्ली में बाजार, प्राइवेट दफ्तर और सरकारी दफ्तर खोले जा रहे हैं तो फिर जाम और भीड़ सड़कों पर तो लगेगी ही इससे सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन भी होगा.
जानिए उत्तर प्रदेश के बॉर्डर का हाल
- उत्तर प्रदेश की सीमा भी दिल्ली के बॉर्डर से सटी है. यूपी का गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिला दिल्ली की सीमारेखा से सटे जिले हैं, लेकिन अनलॉक-1.0 के बावजूद भी दिल्ली ने इन दोनों जिलों के बॉर्डर नहीं खोले हैं.
- अनलॉक-1.0 के मुताबिक यूपी की राज्य सरकार ने जिलाधिकारी पर ये फैसला छोड़ा था कि दिल्ली सीमा से सटे बॉर्डर को खोला जाए या नहीं. योगी सरकार के इस फैसले के बाद डीएम ने बॉर्डर ना खोलने का फैसला किया और लगातार कोरोना वायरस केस में हो रही बढ़ोतरी का हवाला दिया.
- अगर अब आप को दिल्ली से नोएडा आना है या फिर नोएडा से दिल्ली जाना है, तो उसे पास दिखाना जरूरी होगा. प्रशासन की ओर से ई-पास जारी किया जा रहा है, जो डीएम दफ्तर या आरोग्य सेतु ऐप से अप्लाई किया जा सकता है. नोएडा के साथ-साथ गाजियाबाद के लिए भी यही नियम लागू है.
- सोमवार को दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर और दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर दिल्ली सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी के कारण लंबा जाम दिखा और लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा.