दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित का 81 साल की उम्र में निधन हो गया है. दिल्ली के एस्कार्ट हॉस्पिटल में 3:15 मिनट पर हार्ट अटैक के बाद आखिरी सांस ली. शीला दीक्षित दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष भी थीं और काफी लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं. तीन बार शीला दीक्षित की बाईपास सर्जरी हुईं थी और आज सुबह उल्टी की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली के एस्कार्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शीला दीक्षित का निधन का अचानक निधन कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. शीला दीक्षित साल 1998 से 2013 तक लगातार 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस ने लगातार तीन बार दिल्ली में सरकार बनाई.
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शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था. शीला दीक्षित ने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की और दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की थी. शीला दीक्षित साल 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद रहीं. बतौर सांसद वह लोकसभा की एस्टिमेट्स कमिटी का हिस्सा भी रहीं.
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और एक वरिष्ठ राजनेता श्रीमती शीला दीक्षित के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उनका कार्यकाल राजधानी दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तन का दौर था जिसके लिए उन्हें याद किया जाएगा। उनके परिवार व सहयोगियों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 20, 2019
शीला दीक्षित के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुख व्यक्त किया है उन्होंने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर शोक जताते हुए ट्विटर पर लिखा, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और एक वरिष्ठ राजनेता श्रीमती शीला दीक्षित के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उनका कार्यकाल राजधानी दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तन का दौर था जिसके लिए उन्हें याद किया जाएगा। उनके परिवार व सहयोगियों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं — राष्ट्रपति कोविन्द
Deeply saddened by the demise of Sheila Dikshit Ji. Blessed with a warm and affable personality, she made a noteworthy contribution to Delhi’s development. Condolences to her family and supporters. Om Shanti. pic.twitter.com/jERrvJlQ4X
— Narendra Modi (@narendramodi) July 20, 2019
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शीला दीक्षित के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है उन्होंने ट्वीटर पर लिखा, 'शीला दीक्षित जी के निधन से गहरा दुख हुआ. वो एक मिलनसार व्यक्तित्व की महिला थीं उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए विशेष योगदान दिया उनके परिवार और उनके समर्थकों के प्रति संवेदना.'
I’m devastated to hear about the passing away of Sheila Dikshit Ji, a beloved daughter of the Congress Party, with whom I shared a close personal bond.
My condolences to her family & the citizens of Delhi, whom she served selflessly as a 3 term CM, in this time of great grief.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 20, 2019
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित की मौत पर दुख व्यक्त किया है. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'मुझे कांग्रेस पार्टी की प्यारी बेटी शीला दीक्षित जी के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुख हुआ उनके साथ मेरे करीबी रिश्ते रहे हैं मैं उनके परिवार और दिल्ली के नागरिकों प्रति मेरी संवेदना है. उन्होंने निस्वार्थ भाव से तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में दिल्ली की सेवा की थी'
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शीला दीक्षित को राजधानी दिल्ली का मौजूदा मॉडिफिकेशन के लिए भी जाना जाता है साल 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान शीला दीक्षित ने दिल्ली की काया ही बदल दी थी. शीला के कार्यकाल में दिल्ली में विभिन्न विकास कार्य हुए. शीला दीक्षित केरल की गवर्नर भी रही थीं लेकिन साल 2014 में मोदी सरकार आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था साल 2017 में शीला दीक्षित उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए मुख्यमंत्री की उम्मीदवार रहीं थीं, हालांकि अंतिम समय में उन्होंने अपना नाम सीएम कैंडिडेट से वापस ले लिया था.
शीला दीक्षित का राजनीतिक सफर
11 अप्रैल 2014 से 25 अगस्त 2014 तक केरल की राज्यपाल थी. शीला दीक्षित दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थी इसके अलावा वो दिल्ली की गद्दी पर सबसे ज्यादा दिनों तक (15 साल) बैठने वाली मुख्यमंत्री भी रहीं. शीला दीक्षित के अलावा देश के किसी भी राज्य में कोई महिला 15 साल तक मुख्यमंत्री नहीं रही है. 10 जनवरी, 2019 शीला दीक्षित को बनाया गया था दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष. 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश की कनौज लोकसभा सीट से सांसद थी. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सीएम प्रत्याशी बनाया था. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का काफी करीबी माना जाता था. 1986 से 1989 तक केंद्र में मंत्री थी. केंद्र में संसदीय कार्य राज्य मंत्री थी.
HIGHLIGHTS
- सबसे लंबे समय तक रहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री
- अपने कार्यकाल में बदल दी दिल्ली की काया
- 81 साल की उम्र में एस्कार्ट हास्पिटल में ली अंतिम सांस
Source : News Nation Bureau