जामा मस्जिद कार धमाके में दिल्ली की अदालत ने तीन सह-आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। 2010 में इस हुए धमाके में दिल्ली की अदालत ने इंडियन मुजाहिद्दीन के प्रमुख यासिन भटकल समेत 11 लोगों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधी सिद्धार्थ शर्मा ने इस संगठन के तीन कथित सदस्यों को सबूत नहीं होने के आधार पर बरी कर दिया। अदालत ने सैय्यद इस्माइल अफाक, अब्दुस सबूर और रियाज अहमद सैय्यदी को बरी कर दिया। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में इन तीन लोगों को भी आरोपी बनाया था।
2010 में 19 सितंबर को दिल्ली के जामा मस्जिद के पास हुए बम धमाके के बाद आईएम के दो संदिग्धों ने मस्जिद के पास से गुजर रही विदेशी पर्यटकों से भरी बस को निशाना बनाया था। हालांकि आज का मामल केवल बम धमाके से जुड़ा हुआ है।
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि इस हमले का मकसद दिल्ली के कॉमनवेल्थ खेल में विदेशी नागरिकों को शामिल करने से हतोत्साहित करना था।
भटकल को पिछले साल दिसंबर में एनआईए की विशेष अदालत 2013 में हुए हैदराबाद बम धमाके में मौत की सजा सुना चुकी है। हैदराबाद धमाके में 18 लोगों की मौत हुई थी।
हैदराबाद बम धमाका मामले में NIA कोर्ट ने यासीन भटकल और हड्डी समेत 5 लोगों को मौत की सजा सुनाई
HIGHLIGHTS
- जामा मस्जिद कार धमाके में तीन सह-आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है
- 2010 में इस हुए धमाके में दिल्ली की अदालत ने इंडियन मुजाहिद्दीन के प्रमुख यासिन भटकल समेत 11 लोगों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है
Source : News Nation Bureau