कोर्ट ने 'वैवाहिक दुष्कर्म' को तलाक की वजह मानने से किया इंकार, ठुकराया याचिका

'वैवाहिक दुष्कर्म' को तलाक का आधार घोषित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग को दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ठुकरा दिया.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
कोर्ट ने 'वैवाहिक दुष्कर्म' को तलाक की वजह मानने से किया इंकार, ठुकराया याचिका

प्रतिकात्मक फोटो

Advertisment

'वैवाहिक दुष्कर्म' को तलाक का आधार घोषित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग को दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ठुकरा दिया. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और सी हरिशंकर की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने कहा कि अदालत ऐसा करने की हकदार नहीं है. अदालत ने माना कि यह विधायिका का आधिकार क्षेत्र है और न्यायपालिका को इस पर आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है.

इसे भी पढ़ें:कर्नाटक के स्पीकर ने राज्यपाल को लिखा पत्र, 13 में से 8 विधायकों का इस्तीफा असंवैधानिक

वकील अनुजा कपूर द्वारा दायर की गई याचिका में इसके अलावा वैवाहिक दुष्कर्म के मामलों को पंजीकृत करने के बारे में दिशानिर्देश तैयार करने के लिए भी निर्देश देने को कहा गया था.

वर्तमान में वैवाहिक दुष्कर्म हिंदू विवाह अधिनियम 1955, मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम 1937 या विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत तलाक का आधार नहीं है.

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कपूर की याचिका पर विचार करने से इनकार करने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

और पढ़ें:सोनिया गांधी के करीबी रहे जनार्दन द्विवेदी ने कांग्रेस नेतृत्व पर उठाए सवाल, कहीं ये बड़ी बातें

क्या होता है वैवाहिक दुष्कर्म

शादी के बाद पुरूष महिला पर अपना अधिकार समझ लेता है. उसकी मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बनाने के लिए जोर डालता है या फिर जबरदस्ती करता है. शादी के बाद पति द्वारा जबरदस्ती संबंध बनाए जाने को वैवाहिक दुष्कर्म कहते हैं. 

Modi Government Delhi court marital rape divore
Advertisment
Advertisment
Advertisment