बीते साल दिल्ली में हुए सांप्रदायित दंगों की साजिश रची गई थी. दंगों के साजिशकर्ताओं में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद के नाम भी शामिल हैं. मंगलवार को मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि ताहिर हुसैन और उमर खालिद के खिलाफ प्रथमदृष्टया उपयुक्त आधार मौजूद हैं.
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने मंगलवार को कहा कि बीते साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा के मामले में पर्याप्त आधार मौजूद हैं, जिससे उमर खालिद के खिलाफ कार्रवाई को बढ़ाया जा सके. कोर्ट ने कहा कि दंगे के समय उमर खालिद और ताहिर हुसैन कथित रूप से संपर्क में थे और ये साबित करने के लिए एक गवाह का बयान भी काफी है.
दंगे के समय ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी का पार्षद था, जिसे बाद में पार्टी से निकाल दिया गया. ताहिर हुसैन पर दिल्ली दंगे का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप है. आरोपों के मुताबिक ताहिर हुसैन ने दिल्ली में दंगे भड़काने, लूटपाट करने और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए भीड़ को उकसाया। बताते चलें कि बीते साल दिल्ली में हुए दंगों में कुल 44 लोगों की जान गई थीं.