दिल्ली के निजामुद्दीन बस्ती स्थित मरकज तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) मामले की जांच फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है. मौलाना मोहम्मद साद (Maulana Saad) कांधलवी और उनके चार-पांच सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज होने से बाद से मंगलवार वो पहला दिन रहा, जब मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच (Crime Branch) का परिंदा भी पर मारने इलाके में नहीं फटका. निजामुद्दीन थाना परिसर में बने क्राइम ब्रांच के अस्थाई कार्यालय पर ताले पड़े थे. थाना कर्मियों ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि यहां सुबह से ही कोई नहीं आया. मंगलवार को ही मौलाना मो. साद के कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण से जुड़ी होम क्वारंटाइन की अवधि खत्म हो चुकी है.
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हॉट-स्पॉट घोषित होने के बाद रफ्तार प्रभावित
क्राइम ब्रांच के अफसर आखिरी बार कब आए? पूछने पर पुलिसकर्मियों ने कहा, 'शुरू के कुछ दिनों तक तो डीसीपी साहब (ज्वाय टिर्की) एसीपी इंस्पेक्टर की टीमें आती रहीं. धीरे-धीरे उन लोगों का आना कम हो गया. मंगलवार तो कोई पूरे दिन नहीं आया.' इस बाबत पूछे जाने पर क्राइम ब्रांच के ही सूत्रों ने मंगलवार शाम कहा, 'अब उधर (निजामुद्दीन थाना परिसर में बने अस्थाई कार्यालय में) कुछ नहीं है. वैसे भी इलाका हॉट-स्पॉट डिक्लेयर कर दिया गया है. हम लोग अपना काम कहीं से भी कर लेंगे.'
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मेडिकल रिपोर्ट के बाद आगे बढ़ेगी क्राइम ब्रांच
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 'मंगलवार को मौलाना मोहम्मद साद के होम क्वारंटाइन की अवधि खत्म हो चुकी है.' जब मौलाना साद की होम क्वारंटाइन की अवधि खतम हो चुकी है, तो फिर उन्हें बुलाकर क्राइम ब्रांच की टीमें पूछताछ क्यों नहीं कर रही है? इस सवाल के जबाब में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के ही एक अधिकारी ने कहा, 'अभी नामजद आरोपियों की मेडिकल रिपोर्ट आनी बाकी है. रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की जांच कार्यवाही निर्भर है.' उधर, सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए दिल्ली पुलिस के एक आला अधिकारी ने भी कहा था, 'जमात मामले की जांच जारी है. जांच सही दिशा में चल रही है. इसलिए वक्त लग रहा है.'
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लुकआउट नोटिस पर भी फैसला नहीं
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के सूत्रों की मानें, तो कानूनी रूप से मौलाना का लुक आउट नोटिस जारी किए जाने की कार्यवाही अभी बची है. हालांकि, उस पर भी विचार हुआ है. मगर इस विषय पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. आरोपियों के लुकआउट नोटिस में विलंब क्यों? पूछने पर क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा, 'एलओसी जारी करने के लिए हमें किसी से पूछना नहीं है. न ही यह कोर्ट से संबंधित बात है. हम जब चाहेंगे तो एफआरआरओ (क्षेत्रीय विदेशी पंजीयन विभाग) को डिटेल लिखकर दे देंगे. साथ ही मौलाना और बाकी सब आरोपी हमारे संपर्क में हैं. हमारे सभी नोटिसों का जबाब भी आरोपियों ने दिया है. हालांकि, यह जबाब जांच को आगे बढ़ाने जैसे थे. लिहाजा अंतिम निर्णय पर आमने सामने जांच के बाद ही पुहंचा जा सकेगा.'
HIGHLIGHTS
- तबलीगी जमात मामले की जांच फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है.
- मौलाना मो. साद के होम क्वारंटाइन की अवधि खत्म हो चुकी है.
- मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की जांच तय होगी.