दिल्ली सरकार ने कहा है कि उसके अधिकारियों का रुख सही नहीं है और उन्हें कथित तौर पर मुख्य सचिव के साथ हुई हाथापाई के बाद उभरे संकट को खत्म करने के लिये सकारात्मक कोशिश दिखानी चाहिये।
दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया है कि 19-20 फरवरी की रात उनके साथ आम आदमी पार्टी के विधायकों ने अरविंद केजरीवाल के सामने ही हाथापाई की।
प्रकाश के साथ हुए दुर्व्यवहार पर सभी कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार की बैठकों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। जिसमें मुख्यमंत्री केजरीवाल की बैठकें भी शामिल हैं।
इस हाथापाई के विरोध में सभी कर्मचारी 1:30 बजे पांच मिनट के लिये अपने ऑफिस के बाहर मौन रखते हैं।
दिल्ली के सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि आंदोलन कर रहे कर्मचारियों की मांग को लेकर किसी तरह का निवेदन उनके पास नहीं आई है।
इससे पहले कर्मचारियों ने राज्य के एलजी अनिल बैजल और पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से मुख्यमंत्री केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।
और पढ़ें: शी के आजीवन राष्ट्रपति बनने पर उठ रही आशंका निराधार: चीन
गौतम ने कहा, 'हम सभी को समझना होगा कि इस तरह से काम नहीं चलेगा और ऐसे में वर्तमान संकट को खत्म करने के लिये किये जा रहे सरकार के प्रयासों पर अधिकारियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया आनी चाहिये'
उन्होंने कहा, 'सरकार गलत चीज़ों को खारिज कर रही है, मुझे लगता है कि ऐसा रुख (अधिकारियों का) सही नहीं है।'
उन्होंने कहा कि जनता के काम पर असर नहीं पड़ना चाहिये। साथ ही कहा, 'अगर हमारे घर में कोई मुद्दा है तो हमें इसे बातचीत से सुलझाना चाहिये। हम एक परिवार की तरह हैं। हमें एक साथ काम करना है। विश्वास बनाने का काम सिर्फ राजनीतिक दायित्व नहीं है बल्कि ये दोनों तरफ से होना चाहिये।'
और पढ़ें: मुख्य सचिव से मारपीट के मामले में केजरीवाल से माफी की मांग पर अड़े दिल्ली के अफसर
Source : News Nation Bureau