किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'किसानों से संबंधित सुधारों को लेकर जो कानून बने हैं, उसको लेकर कुछ किसान संगठनों ने जो शंका उठायी है उसके लिए चर्चा हो रही है, वो चर्चा की अपनी प्रक्रिया है जो सरकार कर रही है. लेकिन अचानक तमाम विपक्षी या गैर भाजपाई दल कूद गए हैं.'
कांग्रेस के मेनीफेस्टो में था शामिल
उन्होंने कहा कि विपक्ष अपना वजूद बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है. विरोध के लिए विरोध करते है और अपने पास्ट को भूल जाते हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में कहा था, की मंडी को समाप्त करेगी. कांग्रेस का दोहरा चेहरा देखिये, हिंदी में लिखा संसोधन करेंगे, अंग्रेजी में लिखा रिपील करेंगे.
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रविशंकर प्रसाद ने कहा कि शरद पवार ने खुद चिट्टी लिखकर कहा था कि मंडी एक्ट में बदलाव जरूरी है. प्राइवेट प्लेयर जरुरी है. रविशंकर प्रसाद ने अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब ये बिल पास हो रहा था तब इन सभी लोगों ने इस बिल का समर्थन किया था. आज वो विरोध कर रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक तरफ विरोध कर रहे हैं दूसरी तरफ इस बिल को दिल्ली में लागू कर रहे हैं.
किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे. हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं. लेकिन ये सभी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेन्द्र मोदी जी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है.
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रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'आज जब कांग्रेस का राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है, ये बार-बार चुनाव में हारते हैं. चाहे वो लोकसभा हो, विधानसभा हो या नगर निगम चुनाव हो. ये अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं.'
अवॉर्ड वापसी गैंग पर निशाना
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अवॉर्ड वापसी पर कहा कि अगर प्रसिद्धि के लिए लोग अवॉर्ड वापसी का रास्ता अपना रहे हैं तो उनको मुबारक , लेकिन आपको याद होगा अवॉर्ड वापसी का अपना एक पुराना इतिहास है. 2015 में अवॉर्ड वापस किये गए, लेकिन जैसे ही हम बिहार में चुनाव हार गए तो अवॉर्ड वापसी बंद हो गई है.
Source : News Nation Bureau