निर्भया के गुनहगारों की सांसों की गिनती कुछ और दिन के लिए बढ़ गई है. दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों (nirbhaya convicts) की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने अगला आदेश आने तक मामले को स्थगित कर दिया है. दोषी पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष लंबित है इसलिए मामले को स्थगित कर दिया गया है.
चारों दोषियों की फांसी सजा फिर से टलने के बाद निर्भया की मां आशा देवी (Asha devi) ने कहा कि यह सिस्टम की नाकामी है. सरकार और कोर्ट से सवाल पूछने चाहिए. पूरी दुनिया देख रही है कि भारत में क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि फांसी की सजा बार-बार क्यों टल रही है.
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निर्भया की मां ने आगे कहा, 'अदालत को दोषियों को फांसी देने के अपने आदेश पर अमल करने में इतना समय क्यों लग रहा है? डेथ वारंट जारी होने के बाद बार-बार इसे स्थगित करना हमारे सिस्टम की विफलता को दर्शाता है. हमारा पूरा सिस्टम अपराधियों का समर्थन करता है.
आशा देवी ने कहा कि वो हिम्मत नहीं हारी है. वो बार-बार गिरती है और उठती है. लेकिन हिम्मत हारी नहीं है. मैंने अभी हार नहीं मानी है. निर्भया को इंसाफ दिला कर रहूंगी.
मंगलवार को दोषियों को दी जानी थी फांसी
पटियाला कोर्ट ने 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के चार दोषियों की फांसी सोमवार को अगले आदेश तक के लिए टाल दी. चारों दोषियों को मंगलवार को सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि ऐसे में जब दोषी पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका लंबित है, फांसी की सजा की तामील नहीं की जा सकती. अदालत ने यह आदेश पवन की उस अर्जी पर दिया जिसमें उसने फांसी पर रोक लगाने का अनुरोध किया था क्योंकि उसने राष्ट्रपति के समक्ष सोमवार को एक दया याचिका दायर की है.