दिल्ली में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे इसको लेकर दिल्ली सरकार ने नया कदम उठाया है। इसके तहत सरकार उन बच्चों की तलाश करेगी जो शिक्षा से दूर हैं।
इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों मे इडब्ल्यूएस कैटेगरी के बच्चों को बराबरी पर लाने के लिए सरकार ने प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर्स को ट्रेनिंग देने का भी फैसला किया है।
सरकार की योजना रंग लाई तो वो दिन दूर नहीं जब दिल्ली में रहने वाले हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिल पाएगा। दिल्ली सरकार की स्टेट एजुकेशन काउंसिल की बैठक में उन सभी बच्चों का आंकड़ा जुटाने का फैसला हुआ है जो किसी वजह से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
ऐसे बच्चों की पड़ताल के लिए सरकार ने एजुकेशन बीट आॅफिसर्स की नियुक्ति का फैसला किया है। ये बीट आॅफिसर्स अलग अलग इलाकों में उन बच्चों का आंकडा इकट्ठा करेंगे जो बच्चे शिक्षा से वंचित हैं।
काउंसिल की बैठक मे दूसरा सबसे बड़ा फैसला प्राइवेट स्कूलों में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के बच्चों के साथ व्यवहार को लेकर किया गया।
सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक प्राइवेट स्कूलों में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के तहत बच्चों को एडमिशन मिलना शुरू तो हो गया है पर उनके साथ सामान्य बच्चों की तरह व्यवहार नहीं किया जाता।
लिहाजा दिल्ली सरकार सभी प्राइवेट स्कूल्स के प्रिंसिपल्स और प्राइमरी विंग के टीचर्स को स्पेशल ट्रेनिंग देगी।
सरकार ने तीसरा फैसला स्कूलों की रैंकिंग को लेकर किया। जिसके तहत दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की परफार्मेंस के आधार पर रैंकिंग की जाएगी।
इसके अलावा सरकार ने स्कूली बच्चों में रीडिंग एबिलिटी बढ़ाने के लिए उसे प्राइमरी लेवल से शुरू करने का फैसला किया है।
सरकार को उम्मीद है कि इन फैसलों के अमल में आने से बच्चों को असल में शिक्षा का अधिकार मिल पाएगा। हालांकि ये तभी संभव होगा जब सरकार के ये फैसले कागजों से जमीन पर भी उतर पाए।
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Source : News Nation Bureau