दिल्ली में अभी तक 5 लाख 30 हजार के करीब कोरोना पॉजिटिव पेशेंट मिल चुके हैं, जबकि केरल में 5,62,000 है. यानी दिल्ली से करीब 32000 ज्यादा, उसके बावजूद केरल में अभी तक सिर्फ 2049 लोगों की मृत्यु करोना संक्रमण की वजह से हुई है. दिल्ली में 8391 का आंकड़ा पार हो चुका है, यानी तकरीबन 4 गुना ज्यादा. ऐसे ही आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के मौत के आंकड़ों में दोगुने का अंतर है. इसी के अध्ययन के लिए सीएसआईआर के वैज्ञानिक प्रयोगशाला में हर सप्ताह केरल के हर जिले से करोना संक्रमित व्यक्तियों के स्ट्रेन को मंगवाया जा रहा है. जिसकी जांच दिल्ली की प्रयोगशाला में होगी. साथ ही दिल्ली के मरीजों के संक्रमण की जांच भी चल रही है. ताकि यह अंदाजा लगाया जा सके कि मृत्यु दर में इतना बड़ा अंतर क्यों है?
वैश्विक स्तर में भी करोना संक्रमण में देखने को मिला है अंतर:
भारत और अमेरिका में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगभग बराबर है, लेकिन अमेरिका में भारत से कहीं ज्यादा मौत हुई है. इसी तरह का हाल पश्चिमी यूरोप और भारत के बीच हुई है इसके लिए पहले भी एक शोध किया गया था. जिससे यह साबित होता है कि क्षेत्र वार करोना संक्रमण के स्ट्रेन में अंतर है.
स्ट्रेन के अंदर का असर वैक्सीन और दवाई में कम पड़ेगा:
कोरोना महामारी अभी भी नई बीमारी है, इस पर निरंतर शोध चल रहा है, लेकिन इस बात की उम्मीद बेहद कम है कि अलग-अलग क्षेत्र राज्यों और देशों के मरीजों के बीच संक्रमण के प्रारूप में आए अंतर से करोना की दवाई या फिर टीके पर कोई बड़ा अंतर नहीं आएगा.
Source : News Nation Bureau