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जेटली-केजरीवाल को मानहानि मामलों को बंद करने की इजाजत दी

केजरीवाल ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में जेटली के 13 सालों के कार्यकाल के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

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Deepak Kumar
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जेटली-केजरीवाल को मानहानि मामलों को बंद करने की इजाजत दी

अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली (फाइल फोटो)

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा दो सिविल मानहानि मामलों को वापस लेने के लिए दाखिल संयुक्त अर्जी मंजूर कर ली। शहर की एक अदालत ने भी एक अन्य आपराधिक मानहानि मामले को खत्म करने की अर्जी को मंजूरी दे दी।

केजरीवाल ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में जेटली के 13 सालों के कार्यकाल के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके लिए हाल ही में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर उनसे और उनके परिवार के सदस्यों से माफी मांग ली थी, जिसके बाद उच्च न्यायालय में यह अर्जी दाखिल की गई।

केजरीवाल के अलावा, आम आदमी पार्टी के जिन चार नेताओं ने जेटली से माफी मांगी है, उनमें आप सांसद संजय सिंह, वरिष्ठ नेता आशुतोष, दीपक वाजपेयी व प्रवक्ता राघव चड्ढा शामिल हैं।

न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने यह कहते हुए जेटली, केजरीवाल और आप के चार अन्य नेताओं की संयुक्त अर्जी मंजूर कर ली कि इन सभी ने मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझा लिया है।

लेकिन, जेटली के वकील ने अदालत को बताया हालांकि छठे आरोपी कुमार विश्वास ने अभी तक माफी नहीं मांगी है और वह उनके खिलाफ मुकदमा जारी रखेंगे।

और पढ़ें- अरुण जेटली से केजरीवाल, संजय सिंह, आशुतोष समेत कई आप नेताओं ने चिट्ठी लिखकर मांगी माफी

अदालत ने कहा कि विश्वास के खिलाफ मामले की सुनवाई जारी रहेगी और अगली सुनवाई 26 अप्रैल को सूचीबद्ध कर दी।

केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा है कि उनके आरोप कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा दिए गए कागजों और सूचना के आधार पर थे। वे चुनिंदा लोग डीडीसीए से संबंधित मामलों की साक्षात जानकारी रखते थे, लेकिन हाल ही में उन्होंने पाया कि इसमें निहित जानकारियां और आरोप निराधार और अनुचित हैं।

साथ ही इन आरोपों को लगाने के लिए उन्हें स्पष्ट रूप से गलत सूचनाएं दी गईं। जेटली ने इस मामले में क्षतिपूर्ति के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग की थी।

केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने जेटली से सवाल करने के दौरान अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था और कहा था कि ये शब्द उनके मुवक्किल के हैं, जिसके बाद पिछले साल भाजपा नेता ने दूसरा सिविल मानहानि मुकदमा दायर किया था।

केजरीवाल ने कहा था, 'जेटली के खिलाफ राम जेठमलानी के अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण बयान को मेरी मंजूरी नहीं थी।'

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न्यायमूर्ति मनमोहन की अन्य पीठ ने मंगलवार को ही जेटली और केजरीवाल द्वारा दाखिल याचिका को मंजूरी दे दी थी। दोनों ने कहा कि मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझा लिया गया है।

संयुक्त अर्जी में कहा गया, 'केजरीवाल और अन्य ने निजी तौर पर बिना शर्त वादी (जेटली) से माफी मांग ली है।'

इसमें कहा गया है, 'बचाव पक्ष (आप नेता) के प्रत्येक व्यक्ति ने शिकायतकर्ता (जेटली) और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ स्पष्ट रूप से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर अपने द्वारा लगाए गए आरोपों को वापस ले लिया है।'

अर्जी में कहा गया है कि शिकायतकर्ता (जेटली) ने माफी स्वीकार कर ली है।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने भी आपराधिक मानहानि मामले को समाप्त करने वाली अर्जी को मंजूरी दे दी।

केजरीवाल ने इसके पहले पिछले महीने पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया, उसके बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल से माफी मांगी थी। 

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Source : IANS

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