दिल्ली हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने एसोशिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी गई. याचिका में सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी गई है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की तबियत खराब होने के कारण मामले की अगली सुनवाई स्थगित कर दी गई. अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी. इससे पहले 21 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने दो हफ्तों में हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश दिया था. एजेएल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नेशनल हाउस हाउस की लीज रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 22 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार के लीज खत्म करते हुए हेराल्ड हाउस को खाली कराने के नोटिस को सही माना. हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के इस फैसले को एजेएल के पब्लिशर ने डिविजन बेंच में चुनौती दी थी.
दरअसल शहरी विकास मंत्रालय ने 30 अक्टूबर को जारी आदेश में एजेएल को 15 नवंबर तक यह परिसर खाली करने को कहा था. परिसर खाली नहीं करने की सूरत में केंद्र सरकार ने कार्रवाई की चेतावनी दी थी, आदेश में कहा गया था कि परिसर में पिछले 10 साल से कोई भी प्रेस संचालित नहीं हो रही है. लीज के नियमों का उल्लंघन करते हुए इस इमारत का कॉमर्शियल इस्तेमाल किया जा रहा है.
एजेएल ने केंद्र के इन आरोपों का खंडन किया था. एजेएल का कहना था, बीते कई दशकों से अखबार का प्रकाशन हो रहा है. वित्तीय संकट के चलते कुछ समय से इसका प्रकाशन रुक गया था, लेकिन औपचारिक अखबार और डिजिटल मीडिया का संचालन पूरी तरह से बहाल था. साप्ताहिक नेशनल हेराल्ड ऑन संडे का प्रकाशन 24 सितंबर , 2017 से फिर से शुरू हुआ और इसे हेराल्ड हाउस दिल्ली से प्रकाशित किया जा रहा है.
एजेएल ने इसी परिसर से 14 अक्टूबर से अपने साप्ताहिक हिंदी अखबार ' नवजीवन ' का फिर से प्रकाशन शुरू किया. एजेएल की याचिका के अनुसार , अंग्रेजी अखबार ' नेशनल हेराल्ड ', हिंदी का ' नवजीवन ', उर्दू का ' कौमी आवाज ' तीनों के डिजिटल प्रारूप को 2016-17 में शुरू किया गया था.