दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र, राज्य और दिल्ली पुलिस को ई-सिगरेट के भंडारण, निर्माण और बिक्री पर रोक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. अधिकारियों को कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ई-सिगरेट की ऑनलाइन बिक्री न हो और स्कूलों और कॉलेजों के पास समय-समय पर जांच की जाए. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा, राज्य को दिल्ली और उसके आसपास के सभी इलाकों में समय-समय पर जांच कर 2019 के अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है.
मामले में दायर जनहित याचिका में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, एंटी-स्मगलिंग यूनिट, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पुलिस आयुक्त और स्वास्थ्य विभाग, एनसीटी, दिल्ली राज्य प्रतिवादी थे. याचिका में दिल्ली पुलिस को ई-सिगरेट और अन्य संबंधित पदार्थों के अवैध स्टॉक को बिना देरी के जब्त करने और केंद्र को ऑनलाइन वेबसाइटों से ऐसा करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
याचिका में कहा गया है, सभी उत्तरदाताओं को अधिनियम के तहत ई-सिगरेट उद्योग पर तेजी से नियंत्रण करने और शहर में इसकी अवैध बिक्री के स्रोत का पता लगाने और इसके उपयोग के खिलाफ जन जागरूकता कार्यक्रमों की शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.
यह दावा किया गया था कि अधिनियम लागू होने के बावजूद ई-सिगरेट और इसी तरह के पदार्थ बाजार में मौजूद हैं और संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करते हुए निर्दोष नागरिकों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं.
याचिका अधिवक्ता शिव विनायक गुप्ता और अनुभव त्यागी ने दायर की थी.
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Source : IANS