मानहानि मामले में दिल्ली हाइकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया है कि वो 12 फरवरी तक अरुण जेटली से क्रॉस इग्ज़ैमिनेशन खत्म कर लें।
जॉइंट रजिस्ट्रार राकेश पंडित ने कहा कि उन्होंने इस मामले का रेकॉर्ड देखा है और पाया कि वित्तमंत्री जेटली को 8 अलग-अलग तारीखों पर बुलाया गया और उनसे क्रॉस इग्ज़ैमिनेशन के दौरान 250 से ज्यादा सवाल पूछे गए हैं।
डीडीसीए मामले में अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के 5 अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया है।
जॉइंट रजिस्ट्रार राकेश पंडित ने कहा, 'मुझे लगता है वादी से प्रतिवादी को जिरह करने का पर्याप्त मौका दिया गया है। अब वादी को यह निर्देश देना जरूरी है कि वह 12 फरवरी को अपने सबूतों को अंजाम तक पहुंचा दें।'
पंडित ने साफ कहा है कि केजरीवाल को जिरह के लिए अब आगे और कोई तारीख नहीं दी जाएगी। यह आदेश जेटली से जिरह के दौरान आया। कोर्ट के बाहर केजरीवाल के वकील अनुपम श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगे।
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केजरीवाल के वकील अनुपम श्रीवास्तव ने मीडिया से कहा कि इस आदेश के खिलाफ वो अपील करेंगे।
जेटली 2000 से 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे हैं और उन पर केजरीवाल ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। केजरीवाल के खिलाफ जेटली ने 10 करोड़ रुपये का मानहानि का मामला दर्ज किया है।
जेटली ने केजरीवाल के अलावा आप नेता राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेयी के खिलाफ भी मानहानि का केस दायर किया है।
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Source : News Nation Bureau