दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) ने शुक्रवार को कांग्रेस (Congress) नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) द्वारा दायर एक दीवानी मानहानि के केस पर समन भेजा है. इस मानहानि के मुकदमे में कथित तौर पर उनके और उनकी बेटी के विरुद्ध निराधार आरोप लगाने के लिए 2 करोड़ रुपये से ज्यादा हर्जाने की मांग की है. पीठ ने कांग्रेस के तीन नेताओं को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाली ईरानी के खिलाफ लगे आरोपों से जुड़े सोशल मीडिया से ट्वीट, रीट्वीट, पोस्ट, वीडियो और तस्वीरें हटाने के आदेश दिए हैं.
हाईकोर्ट का कहना है कि अगर प्रतिवादी ने 24 घंटे के अंदर निर्देश को नहीं माना तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब सामग्री को हटा देंगे. ईरानी की यह कार्यवाही कांग्रेस नेताओं द्वारा आरोप लगाने के बाद सामने आई है. इसमें कहा गया है कि 18 वर्षीय बेटी जोइश ईरानी ने गोवा में अवैध रूप से एक बार चलाया. इस दौरान मंत्री पर निशाना साधा गया और मांग की गई कि पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दें.
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने उनकी बेटी पर अवैध बार चलाने का आरोप लगाया था. स्मृति ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी 18 वर्ष की है, जो राजनीति नहीं करती. वह एक कॉलेज की छात्रा है. वो बार नहीं चलाती है. कांग्रेस ने इस तरह के आरोप एक आरटीआई के आधार पर लगाए हैं. मगर जिस तरह की आरटीआई की बात हो रही है, उसमें उनकी बेटी का कहीं कोई जिक्र सामने नहीं आया है.
HIGHLIGHTS
- सोशल मीडिया से ट्वीट, रीट्वीट, पोस्ट, वीडियो और तस्वीरें हटाने के आदेश
- बेटी पर अवैध बार चलाने का आरोप लगाया था