दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार से एक अवमानना याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भाजपा और कांग्रेस द्वारा विदेशी चंदा स्वीकारने के मामले में सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति मनमोहन ने केंद्रीय गृह सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
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अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 जुलाई तय कर दी। अदालत ने 28 मार्च, 2014 को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों को वेदांता समूह की सहायक कंपनियों से विदेशी धन प्राप्त करने में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन का दोषी ठहराया था।
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अदालत ने मंगलवार को सरकार और निर्वाचन आयोग से दोनों राजनीतिक दलों के खिलाफ छह महीने के भीतर कार्रवाई करने के लिए कहा। एडीआर की तरफ से पेश हुए वकील प्रणव सचदेव ने अदालत से कहा कि अदालत के आदेश के तीन साल बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
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याचिका में कहा गया है, 'चूंकि प्रतिवादी (सरकार) द्वारा आदेश का जानबूझकर अनुपालन नहीं किया गया, इसलिए प्रतिवादी अवमानना का जिम्मेदार है और उसके खिलाफ अदालत की अवमानना की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।'
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अदालत ने कहा कि ब्रिटेन स्थित वेदांता र्सिोसेज एक विदेशी कंपनी है। यह कंपनी अधिनियम 1956 के तहत है, इसलिए इस अधिनियम के तहत यह कंपनी और इसकी सहायक कंपनी स्टेराइल इंडस्ट्रीज और सेसा गोवा विदेशी कंपनियां हैं।
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Source : IANS