लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला के खिलाफ लगाए गए आरोपों को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आपत्तिजनक माना हैं. अंजलि के खिलाफ किए गए अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर अदालत ने बड़ा आदेश जारी किया है. अदालत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और गूगल को निर्देश दिए हैं कि वे अपने प्लेटफॉर्म से आईआरपीएस अफसर अंजलि बिरला के खिलाफ किए गए सभी पोस्ट को हटाएं. अदालत ने उन्हें समय सीमा भी दी है. अदालत ने सभी पोस्टों को हटानें के लिए 24 घंटे का समय दिया है.
अदालत में आज हुई सुनवाई
अंजलि बिरला की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा था. उन्होंने अपने खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जा रहे फर्जी दावों की जानकारी दी. अंजलि ने बताया कि उनकी ज्वाइनिंग को तीन साल बीत गए हैं. बावजूद इसके उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठा अभियान चलाया जा रहा है. उनके वकील विनय सक्सेना ने अदालत में कहा कि उनकी छवि धूमिल करने की कोशिस की जा रही है. ऐसा सही नहीं है. इसके बाद अदालत ने एक्स और गूगल को कहा कि 24 घंटे के अंदर आप अपने प्लेटफॉर्म से ऐसे अपमानजनक पोस्ट हटाएं.
यह है पूरा मामला
सोशल मीडिया पर अंजलि के बारे में कई दावे किए जा रहे थे, जिसमें कहा गया था कि अंजलि ने अपने पिता के प्रभाव के कारण यूपीएससी परीक्षा पास की है. अंजलि ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह मेरे पिता को बदनाम करने की साजिश है. उनकी छवि को खराब किया जा रहा है. बता दें, अंजलि बिरला भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (आईआरपीएस) अधिकारी हैं. सोशल मीडिया पर हो रहे दावों के बीच उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने अदालत से मांग की थी कि ऐसे पोस्टों को तत्काल हटाया जाए.
हालांकि, अदालत का यह फैसला अंतरिम आदेश है. मामले में 15 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी.
Source : News Nation Bureau