दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रतिबंधित मादक पदार्थ भांग को मेडिकल उपयोग के लिए वैध बनाने की मांग करने वाली एक याचिका को 10,000 रुपये का जुर्माना लगाकर खारिज कर दिया. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है और वह इसे मंजूर करने के पक्ष में नहीं है.
पीठ ने कहा, ‘ऐसा जान पड़ता है कि इस याचिका में भांग को मेडिकल उपयोग के लिए वैध बनाने की मांग की जा रही है. उपयुक्त कानून बनाकर या नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांसेज एक्ट में संशोधन करके ही ऐसा किया जा सकता है. हम इस अनुरोध को मंजूर करने के पक्ष में नहीं हैं.’
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अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिशन लाइब्रेरी फंड में 10,000 रूपये का जुर्माना भरे. विधि के छात्र प्रशांत शर्मा ने यह याचिका दायर की थी.