राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. 26 जनवरी और उसके बाद सिंघु, गाजीपुर व टिकरी बॉर्डर के पास से अवैध तरीके से गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा के लिए याचिका दाखिल की गई थी. जिसपर आज हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार किया है.
यह भी पढ़ें: दिल्ली में हुई हिंसा से जुड़ी जनहित याचिकाओं पर कल सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
याचिकाकर्ता ने कहा कि वो (गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए लोग) गांवों से ताल्लुक रखते हैं. 26/27 जनवरी से बहुत सारे लोग गायब है. अगर उनको गिरफ्तार भी किया गया है, तो अरेस्ट मेमो होना चाहिए. रिश्तेदारों को बताया जाना चाहिए. पुलिस दावा कर रही है कि 44 एफआईआर में 122 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन न्यूp पेपर रिपोर्ट्स में उनकी संख्या अलग है.
यह भी पढ़ें: बॉर्डर पर पुलिस बजा रही 'संदेशे आते हैं...' गाने, किसान बोले- किया जाए बंद, ये हमें तड़पाते हैं!
इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ लगे आरोपों को जाने बिना रिहा का आदेश नहीं दिया जा सकता. गायब लोगों को लेकर हाईकोर्ट ने जिनका गायब होने का दावा है, उनके परिवार की ओर से भी कोई हलफनामा नहीं है. उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा हुई थी. यहां तक की लाल किले के अंदर घुसकर उपद्रवियों ने तांडव मचाया था. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए किसानों नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और काफी लोगों को भी गिरफ्तार किया है.