टूलकिट मामला: दिशा रवि की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मीडिया पर रोक लगाने से किया इंकार

कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि पत्रकार को उसकी जानकारी का सोर्स बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. लेकिन सोर्स की विश्वसनीयता को लेकर पुष्टि होनी चाहिए.

author-image
Sunil Chaurasia
एडिट
New Update
दिशा रवि की याचिका पर कोर्ट ने मीडिया पर रोक लगाने से किया इंकार

दिशा रवि की याचिका पर कोर्ट ने मीडिया पर रोक लगाने से किया इंकार( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस को लगातार बड़ी लीड हाथ लग रही है. इस पूरे मामले में आरोपी दिशा रवि ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी देकर मांग की थी कि जांच से जुड़े मटेरियल मीडिया के साथ शेयर न किए जाएं. इसके साथ ही दिशा ने ये भी मांग की थी कि कोर्ट मीडिया संस्थानों पर उसके वॉट्सऐप चैट को प्रकाशित या प्रसारित करने से रोक लगाए. दिशा रवि की इसी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की. कोर्ट ने मामले की सुनवाई में दिशा को झटका देते हुए मीडिया को मामले से जुड़ी कुछ अहम बातें ध्यान में रखने के आदेश दिए हैं.

दिशा रवि की याचिका पर आज की सुनवाई पूरी हो गई है. कोर्ट ने दिशा रवि की अर्जी पर केन्द्र, NBSA, मीडिया संस्थानों को 1 हफ्ते के अंदर जवाब देने के आदेश दिए हैं. इसके बाद दिशा रवि को उनका जवाब देने के लिए 1 हफ्ते का समय मिलेगा. इस मामले में अब अगली सुनवाई मार्च में होगी.

कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि पत्रकार को उसकी जानकारी का सोर्स बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. लेकिन सोर्स की विश्वसनीयता को लेकर पुष्टि होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि निजता के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन होना बहुत जरूरी है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि उन्होंने कोई भी जानकारी मीडिया में लीक नहीं की है और वे आगे भी इसका पालन करेगी.

कोर्ट ने टूलकिट मामले में दिशा रवि की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मीडिया संस्थान को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी ओर से प्रसारित खबरें विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से ही हों. चैनल हेड की ये जिम्मेदारी बनती है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके चैनल पर सिर्फ वही कंटेट चलें जिसकी पुष्टि हो चुकी है और उनकी कवरेज से आरोपी का स्वतंत्र ट्रायल का अधिकार बाधित न हो.

NBSA और केंद्र सरकार के वकील की ओर से कहा गया है कि उन्हें मीडिया संस्थानों की ओर से वॉट्सऐप चैट लीक होने की कोई शिकायत नहीं मिली है. NBSA के वकील ने कहा कि NBSA के प्रसारण की मॉनिटरिंग का अधिकार है, पर ट्वीट को लेकर ऐसे कोई अधिकार नहीं हैं. न्यूज 18 की ओर से पेश वकील ने इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा है. कोर्ट ने कहा कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि वीडियो सनसनीखेज है. 

इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से वकील ने कहा-जिसका हवाला याचिका में दिया गया है, वह प्रोगाम प्रसारित नहीं हुआ. ये डिजिटल पर ऑनलाइन आर्टिकल है, लिहाजा केबल टीवी नेटवर्क एक्ट और प्रोगाम कोड इस पर लागू नहीं होते हैं. मामले में ASG ने कहा कि इस याचिका के माध्यम से पुलिस पर बेवजह दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है. जांच की जानकारी किसी भी स्तर से मीडिया को लीक हो सकती है.

HIGHLIGHTS

  • दिशा रवि को कोर्ट से राहत नहीं
  • कोर्ट ने मीडिया को नियमों का पालन कर रिपोर्टिंग की बात कही
  • खबर चलाने से पहले उसकी पुष्टि करना जरूरी

Source : News Nation Bureau

farmers-protest farm-laws Delhi High Court Republic day farmers protest Toolkit case Disha Ravi Disha Ravi news
Advertisment
Advertisment
Advertisment