मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी रॉबर्ट वाड्रा और उनके कथित सहयोगी मनोज अरोड़ा को दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है । ईडी ने निचली अदालत से मिली वाड्रा की ज़मानत रदद् करने के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों को नोटिस जारी किया।कोर्ट ने 17 जुलाई तक जवाब देने को कहा है
ईडी ने याचिका में क्या कहा है
ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर वाड्रा को मिली ज़मानत का विरोध किया है।ईडी का कहना है कि वाड्रा प्रभावशाली व्यक्ति है। अगर उन्हें मिली ज़मानत बरकरार रहती है तो वो सबूतों को ख़त्म कर सकते है, अहम गवाहों को प्रभावित कर सकते है। इसके चलते इस मामले में चल रही जांच प्रभावित हो सकती है। याचिका के मुताबिक वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे है, पूछताछ के दौरान अहम सवालों से बचते रहे है।लिहाजा उनको कस्टड़ी में लेकर पूछताछ करना ज़रूरी है। ईडी का कहना है कि निचली अदालत ने वाड्रा को ज़मानत देते हुए केस से जुड़े कई अहम तथ्यों और ईडी की ओर से पेश आपत्तियों को नजरअंदाज किया।
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मामला क्या है
मामला लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर पर मौजूद 19 लाख पाउंड कीमत की संपत्ति की खरीद में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से जुड़ा है।आरोप है कि इस सम्पति के मालिक रॉबर्ट वाड्रा हैं। ईडी का कहना है कि लंदन स्थित इस संपत्ति को 19 लाख पाउंड में भंडारी ने खरीदा था और 2010 में इसे इतनी ही राशि में बेच दिया गया जबकि इसके नवीकरण पर लगभग 65,900 पाउंड खर्च किया गया था। ये साबित करता है कि संजय भंडारी संपत्ति का वास्तविक मालिक नहीं थे, बल्कि इसके मालिक वाड्रा थे जो इसके नवीकरण पर खर्च कर रहे थे।
मनोज अरोड़ा पर आरोप
कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा के साथ मनोज अरोड़ा को भी नोटिस जारी किया है। मनोज अरोड़ा, वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी के एक कर्मचारी हैं। ईडी का आरोप है कि अरोड़ा को वाड्रा की विदेश में अघोषित संपत्ति के बारे में पता था और वह धन की व्यवस्था करने में सहायक था.
Source : News Nation Bureau