मोदी सरकार और दिल्‍ली पुलिस की खिंचाई करने वाले दिल्‍ली हाई कोर्ट के जज का तबादला

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के जज जस्टिस मुरलीधर (Justice Muralidhar) का तबादला कर दिया गया है. वे अब पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में पदासीन होंगे.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
मोदी सरकार और दिल्‍ली पुलिस की खिंचाई करने वाले दिल्‍ली हाई कोर्ट के जज का तबादला

मोदी सरकार की खिंचाई करने वाले दिल्‍ली हाई कोर्ट के जज का तबादला( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के जज जस्टिस मुरलीधर (Justice Muralidhar) का तबादला कर दिया गया है. वे अब पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में पदासीन होंगे. केंद्र सरकार ने उनके ट्रांसफर को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. यह इत्‍तेफाक की बात है कि मंगलवार आधी रात को जस्‍टिस मुरलीधर ने दिल्‍ली हिंसा पर दायर याचिका की सुनवाई की थी और बुधवार को मोदी सरकार (Modi Sarkar) और दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) की जमकर खिंचाई की थी और रात में ही उनके तबादले का नोटिफिकेशन जारी हो गया. हालांकि पिछले 12 फरवरी को ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की कॉलेजियम ने जस्‍टिस मुरलीधर को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर की सिफारिश की थी. उनके साथ दो और जजों जस्टिस रंजीत को बॉम्बे हाई कोर्ट से मेघालय और जस्टिस मलिमथ को कर्नाटक से उत्तराखंड हाई कोर्ट भेजा गया है.

यह भी पढ़ें : Delhi Violence: NSA डोभाल पर दिल्ली के दंगे को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी, अबतक मरने वालों की संख्या हुई 27

न्यायमूर्ति मुरलीधर दिल्ली उच्च न्यायालय के तीसरे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. दिल्‍ली में हिंसा को लेकर अपने अंतिम कार्यदिवस पर न्यायमूर्ति मुरलीधर ने महत्वपूर्ण आदेश दिए थे. दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर के घर आधी रात को सुनवाई भी हुई थी. दिल्‍ली हाई कोर्ट के जज के रूप में उन्‍होंने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए थे कि वह मुस्तफाबाद के एक अस्पताल से एंबुलेंस को सुरक्षित रास्ता दे और मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराया जाए. इसके अलावा उन्‍होंने यह भी आदेश दिया था कि भड़काऊ बयानबाजी पर तत्‍काल मुकदमा दर्ज किया जाए.

कड़ी टिप्‍पणी : एक और 1984 दिल्ली में नहीं होने देंगे
एक दिन पहले दिल्‍ली हिंसा को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि हम कोर्ट और पुलिस की निगरानी में दूसरे 1984 के दंगों की इजाज़त नहीं दे सकते. हमे बहुत बहुत ज़्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है. कोर्ट ने कहा कि हमें आईबी के अफसर पर हमले की जानकारी मिली है. ये बेहद गंभीर है. इन चीज़ों पर बहुत ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है.

यह भी पढ़ें : कोरोना वायरस से कितना सुरक्षा देती है आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी? जानें यहां

जस्‍टिस मुरलीधर ने कहा- क्या हम वीडियो प्ले करें
वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने दिल्‍ली हाई कोर्ट में कहा- दुःख की बात है कि सरकार FIR के लिए इतंज़ार करने की बात कह रही है. अनुराग ठाकुर के भड़काऊ नारे के बाद लोगों ने मार्च निकाला. कल एक नवनिर्वाचित विधायक ने भी अनुराग ठाकुर के गोली मारो की तर्ज पर पब्लिक बयान जारी किया. सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मैने सभी वीडियो नहीं देखे हैं. इस पर जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि मिस्टर तुषार मेहता, अगर आपने ये वीडियो ने नहीं देखे तो हम कोर्ट में प्ले कर सकते हैं. इस पर मेहता ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है.

कोर्ट रूम में चला कपिल मिश्रा का वीडियो
कोर्ट रूम में कपिल मिश्रा और लक्ष्मीनगर के विद्यायक अभय वर्मा का वीडियो चलाया गया. कोर्ट ने अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा का भी वीडियो देखा. इस दौरान एक वकील ने टोका कि ओवैसी और बाकी लोगों के भी वीडियो हैं. कोर्ट उन्हें भी देख ले. इस पर कोर्ट ने वकील को ना टोकने की बात कहते हुए कहा अगर कोर्ट को ज़रूरी लगेगा तो उन्हें भी देखा जाएगा. वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने पूछा कि क्या इनमे से किसी भी नेता ने इन नारों की सत्यता पर सवाल उठाए है या क्लिप से छेड़छाड़ की बात कही है. इस पर वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा- नहीं, किसी ने भी वीडियो की सत्यता पर सवाल नहीं उठाए हैं. बल्कि वो तो ऐसे नारे लगाकर ख़ुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : भारत से लौटने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने INDIA को लेकर कही ये बड़ी बात

हेट स्पीच में FIR दर्ज हो : जस्‍टिस मुरलीधर
दिल्ली HC के जस्‍टिस मुरलीधर ने दिल्‍ली हिंसा पर सुनवाई के बाद भड़काऊ भाषण के मामले में तुंरत FIR दर्ज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने वहां मौजूद पुलिस अधिकारी से कहा कि वो हाई कोर्ट के आदेश की जानकारी तत्काल पुलिस कमिश्नर को दें. साथ ही कोर्ट ने कहा कि हमारा आदेश सिर्फ बीजेपी के 3 नेताओं के वीडियो तक सीमित नहीं है. हर हेट स्पीच के मामले में FIR दर्ज होनी चाहिए.

सितंबर 1984 में चेन्नई में अपनी कानून प्रैक्टिस शुरू करने वाले जस्‍टिस मुरलीधर 1987 में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित हुए. उन्हें 2006 में दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.

Source : News Nation Bureau

delhi-police delhi-violence Delhi High Court Modi Sarkar Transfer Justice Muralidhar
Advertisment
Advertisment
Advertisment