दिल्ली की एक अदालत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर फेसबुक पर फर्जी वीडियो पोस्ट करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि देशद्रोह का कानून शरारती तत्वों को सबक सिखाने के लिए लागू नहीं किया जा सकता। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा ने कहा कि सार्वजनिक शांति भंग करने या हिंसा का सहारा लेने के लिए उकसाने के आरोपी पर राजद्रोह का कानून लागू नहीं किया जा सकता। मालूम हो यह मामला गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया में वायरल हुई एक पोस्ट से संबंधित है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 21 वर्षीय एक मजदूर ने अपने फेसबुक पेज पर एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया, जिसमें टैगलाइन 'दिल्ली पुलिस में बगावत, 200 पुलिसकर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा सौंपा' लिखा था।
पुलिस ने दावा किया कि आरोपी ने प्रदेश के खिलाफ असंतोष फैलाने के इरादे से न सिर्फ सनसनीखेज फेसबुक पोस्ट की, बल्कि जालसाजी भी की है।
अदालत ने आरोपी को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी।
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क्या सच में दिल्ली में 200 पुलिसकर्मियों ने दिया था सामूहिक इस्तीफा?
मीडिया में आई खबरों के अनुसार 200 पुलिसकर्मियों सामूहिक इस्तीफे के दावे को लेकर प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक विंग ने जांच की । जांच में PIB की फैक्ट चेक विंग ने इस सोशल मीडिया में किए गए दावे को गलत पाया । PIB फैक्ट चेक का कहना है कि दिल्ली पुलिस के 200 पुलिसकर्मियों द्वारा सामूहिक इस्तीफा नहीं दिया गया है, यह पोस्ट फेक है।
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PIB का फैक्ट चेक
PIB फैक्ट चेक ने ट्वीट में लिखा, "दावा: सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के 200 पुलिसकर्मियों द्वारा सामूहिक इस्तीफा दिया गया है।....PIB फैक्ट चेक- यह दावा फ़र्ज़ी है।"
दावा: सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के 200 पुलिसकर्मियों द्वारा सामूहिक इस्तीफा दिया गया है।#PIBFactCheck: यह दावा #फ़र्ज़ी है। #FakeNews pic.twitter.com/uI1AXqufAY
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 30, 2021
क्या था मामला
26 जनवरी 2021, गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए। कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। प्रदर्शनकारी लाल किले में भी घुस गए और वहां ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगा दिया था। ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए। इस हिंसा के बाद सोशल मीडिया में कई फ़र्ज़ी पोस्ट वायरल हुए उनमें से एक था कि दिल्ली पुलिस के 200 पुलिसकर्मियों द्वारा सामूहिक इस्तीफा दिया।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही थी जिसमें लिखा है, ''दिल्ली पुलिस में बगावत, 200 पुलिसकर्मी बने बागी, दिया सामूहिक इस्तीफा'' #FarmerProtest
HIGHLIGHTS
- हिंसा के बाद सोशल मीडिया में कई फ़र्ज़ी पोस्ट वायरल हुए
- अदालत ने आरोपी को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी
- सोशल मीडिया में किए गए दावे को गलत पाया
Source : IANS/News Nation Bureau