दिल्ली के मुखर्जी नगर हिंसा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दिल्ली पुलिस कर्मियों को फटकार लगाई है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि ये सीधे तौर पर पुलिस की बर्बरता और मानवधिकारो के उल्लंघन का मामला बताया और सबूत के तौर पर कोर्ट को ऑनलाइन ऐसे वीडियो को रखा जो ये बातें सही साबित करते हैं. वकील ने बताया कि ये विडियो वहां मौजूद लोगो ने बनाये जज ने उन वीडियोज को देखने के बाद. दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है.
दिल्ली पुलिस ने अपनी सफाई में कोर्ट को बताया कि मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौप दी गई है. ज्वाइंट कमिश्नर लेवल के अधिकारी को जांच का जिम्मा दिया गया है साथ ही तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने जॉइंट सीपी से 1 हफ़्ते के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने कहा उन पुलिस कर्मियों की पहचान कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए जिन्होने नाबालिग लड़के पर हमला किया. कोर्ट ने गृह मंत्रालय पूछा कि क्या उनकी ओर से जांच हुई है, अगर हां तो जवाब दाखिल करें इसके अलावा कोर्ट ने मीडिया से कहा कि मीडिया अपनी रिपोर्ट में सबरजीत सिंह के नाबालिग बेटे की पहचान का खुलासा न करे.
यह भी पढ़ें- नोएडा में तीन महिलाओं के साथ 9 लोगों ने किया गैंगरेप, 7 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस के पास कुछ अच्छे अधिकारी है, लेकिन ऐसे भी कुछ है जो ऐसे हालात में ख़ुद पर नियंत्रण नहीं रख सकते. उन जैसे पुलिसकर्मियों पर सख्त एक्शन लेने की ज़रूरत है. अगर वर्दी में पुलिस इस तरह से बर्ताव करेगे तो ये समाज के अंदर अशांति का ही माहोल बनाएगा. जिन्होंने बच्चे को पीटा , उनकी पहचान करें. जस्टिस जयंत नाथ और जस्टिस नजमी वजीरी ने कहा हमारी सबसे बड़ी चिंता ये है कि इस देश के नागरिक विशेषकर बच्चे इस बात के लिए आश्वस्त रहे कि पुलिस उनके साथ है.
यह भी पढ़ें- मुखर्जी नगर मारपीट: क्या इस मामले का पूरा सच जानते हैं आप, इन 3 वीडियो से जानें पूरी हकीकत
HIGHLIGHTS
- मुखर्जी नगर हिंसा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला
- दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार
- मीडिया से कहा नाबालिग की पहचान न करे उजागर