कई महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को अपने आश्रम में बंधक बनाकर यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपी बाब वीरेंद्र देव दीक्षित पुलिस के शिकंजे से बाहर है।
इसी मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है।
कोर्ट ने अपनी नारजगी जाहिर करते हुए आरोपी बाबा वीरेंद्र के वकीलों को भी जमकर फटकार लगाई।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा, 'कोर्ट में उपस्थित न होने पर दीक्षित के खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा।'
कोर्ट में पीठ ने गुस्से में पूछा, 'अदालत की उपस्थिति किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है। यदि वह नहीं आ रहा है, तो इसका मतलब है कि वह खुद को अदालत से महत्वपूर्ण समझता है। अगर यह मामला है, तो हम बाबा के खिलाफ वारंट जारी कर देंगे। क्या आप चाहते हैं कि हम ऐसा करें?'
कोर्ट ने कहा, 'अगर जरूरत पड़े तो बाबा के खिलाफ बच्चों की किडनैपिंग का मामला भी दर्ज किया जाएगा। सीबीआई ने 22 दिसंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह मामला अपने हाथ में ले लिया था।'
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न्यायालय ने सीबीआई को दीक्षित की तलाश करने के आदेश दिए थे, जो उत्तर दिल्ली के रोहिणी व अन्य जगहों में अपने आध्यात्मिक विश्वविद्यालय आश्रम में कथित रूप से महिलाओं और नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोपी है।
एक पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में सीबीआई ने एक टीम का गठन किया है, जो कथित रूप से दीक्षित पर लगे यौन उत्पीड़न व महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को बंधक बनाए जाने की जांच करेगी।
बाबा वीरेंद्र दीक्षित के कारनामे का सच पिछले वर्ष दिसंबर में सामने आया, जब उनके आश्रम से करीब 100 महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को छुड़ाया गया। इन सभी को दरवाजे की पीछे बंद रखा गया था।
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Source : News Nation Bureau