दिल्ली पुलिस ने सोमवार को मैक्स अस्पताल द्वारा गलती से एक जिंदा नवजात को मृत घोषित करने के मामले में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर दी है। रिपोर्ट में पुलिस ने यह दर्शाया कि जुड़वा की मौत का समय अस्पताल के रजिस्टर से गायब था। नवजात की बाद में मौत हो गई थी।
एक दंडाधिकारी न्यायालय के समक्ष दाखिल स्थिति रिपोर्ट में पुलिस ने कहा, 'जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि मैक्स अस्पताल के मृत्यु रजिस्टर में जुड़वा के जन्म का समय तो दर्ज है, जबकि मृत्यु का समय रजिस्टर में दर्ज नहीं किया गया। जिसके बाद दोनों बच्चों को अलग-अलग प्लास्टिक की थैलियों में बांधकर परिजनों को सौंप दिया गया था।'
अपराध शाखा के जांच अधिकारी ने मुख्य महानगर दंडाधिकारी राजेश मलिक को बताया कि वह दिल्ली चिकित्सा परिषद की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं और उन्होंने संबंधित लोगों के बयान पहले ही दर्ज कर लिए हैं।
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अदालत ने जांच अधिकारी को मामले की जांच सभी कोणों से जल्द से जल्द करने को कहा है। साथ ही मामले को 26 फरवरी से पहले सूचीबद्ध करने को भी कहा है।
यह मामला पिछले महीने सामने आया था, जब शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल ने समय से पूर्व जन्मे दो बच्चों में से एक को गलती से मृत घोषित कर दिया था। नवजात की एक सप्ताह बाद पीतमपुरा के एक नर्सिंग होम में मौत हो गई थी।
अस्पताल ने दोनों बच्चों को पैदा होते ही मृत घोषित कर परिवार को कथित रूप से प्लास्टिक की थैली में बंद कर सौंप दिया था। अंतिम संस्कार के लिए ले जाते वक्त रास्ते में परिजनों ने पाया कि बच्चा जीवित था।
दिल्ली सरकार ने अस्पताल पर चिकित्सा लापरवाही का आरोप लगाते हुए लाइसेंस रद्द कर दिया था। पुलिस ने कहा कि मौत के कारणों से संबंधित अंतिम रिपोर्ट सफदरजंग अस्पताल के हिस्टोपैथोलॉजी विभाग से अंतिम राय प्राप्त करने के बाद निर्धारित की जाएगी।
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Source : IANS