दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक स्कूल में हिंदुओं और मुस्लिमों छात्रों को अलग-अलग सेक्शनों में बिठाए जाने की घटना सामने आने के बाद सियासी बवाल शुरू हो गया है. वैसे तो इस घटना की प्राथमिक जांच के बाद स्कूल इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया था लेकिन सवाल उठ रहा है कि क्या हमारा समाज इतना बंट चुका है कि अब बच्चे भी हिंदू-मुसलमान करने को बेबस होंगे? बुधवार को एक रिपोर्ट सामने आया था कि वजीराबाद स्थित निगम के स्कूल में हिंदुओं और मुस्लिमों को अलग-अलग सेक्शनों में बिठाया जाता है. यहां बच्चों को धर्म के आधार पर बांट दिया गया है, ताकि वे फर्क महसूस करें और दूसरे धर्म के बच्चों से नफरत करना सीखें. मामला सामने आने के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर शिक्षक ने धार्मिक आधार पर बच्चों को बांटने की कोशिश क्यों की?
इसी मुद्दे पर आज आपके लोकप्रिय चैनल न्यूज नेशन पर शाम पांच बजे खास शो 'बड़ा सवाल' में बहस होगी. इस बहस में आप भी ट्विटर और फेसबुक के जरिए हिस्सा लेकर एंकर अजय कुमार और मेहमानों से अपने सवाल पूछ सकते हैं.
इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस के लिए हमारे साथ उत्तरी दिल्ली के मेयर अदेश गुप्ता, संत महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल, धर्मगुरु अजय गौतम, धर्मगुरु मौलाना अतर हुसैन देहलवी, धर्मगुरु मुफ्ती मंजूर जियाई, सामाजिक कार्यकर्ता अंबर जैदी हिस्सा लेंगे.
इस मुद्दे पर आप भी आज के शो में शामिल मेहमानों और विशेषज्ञों से राय सवाल पूछ सकते हैं. @NewsStateHindi के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज पर ट्वीट पूछिए अपने सवाल.
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने एमसीडी स्कूल प्रमुख को 25 अक्टूबर तक छात्रों को सेक्शन आवंटित करने में अपनाई गई प्रक्रिया का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया है.
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डीसीपीसीआर ने कहा, 'नोटिस में स्कूल प्रमुख को यह निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों का बीते छह महीने का अटेंडेंस का रिकॉर्ड और जुलाई में हुए सेक्शन बंटवारे से पहले और बाद किस क्लास में कितने बच्चे हैं, इसकी जानकारी दें. बच्चों को अलग-अलग सेक्शन में किस आधार पर डाला गया है, अलग-अलग कक्षाओं में अलग-अलग धर्म के बच्चों को बैठाने का कारण बताएं.'
आयोग ने एनडीएमसी के शिक्षा निदेशक को इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने और घटनाओं का विवरण आयोग के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है. डीसीपीसीआर ने यह भी आदेश दिया है कि इस तरह की घटना को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं.
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दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी शुक्रवार तक रिपोर्ट मांगी है. सिसोदिया ने एक ट्वीट में कहा, 'भाजपा शासित एमसीडी स्कूल में धर्म के आधार पर बच्चों को अलग-अलग कमरों में बिठाने की यह हरकत देश के संविधान के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश है. मैंने दिल्ली के शिक्षा निदेशक को मामले की पूरी जांच कर शुक्रवार तक रिपोर्ट देने को कहा है.'
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Source : News Nation Bureau