दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के आखिरी दो हिस्सों को गुरुवार से खोल दिया जाएगा. एक्सप्रेसवे के इन दोनों हिस्सों को खोलने से पहले इसका सफल ट्रायल किया गया था, जिसके बाद इसे खोलने की अनुमति दे दी गई और जल्द ही इसका उद्घाटन भी किया जाएगा. दिल्ली को मेरठ से जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे पर डासना तक की सड़कें 14 लेन की हैं, जबकि डासना से मेरठ तक की सड़कें 6 लेन की बनाई गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर लाइट मोटर व्हीकल अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगे जबकि भारी वाहन के लिए 80 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड निर्धारित की गई है.
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इस एक्सप्रेसवे पर केवल एक टोल प्लाजा बनाया गया है जो मेरठ के काशी गांव में स्थित है. इसके साथ ही एक्सप्रेसवे के सभी एंट्री और एग्जिट पर भी टोल की वसूली की जाएगी, जिसके लिए आधुनिक तकनीक से लैस कैमरे लगाए गए हैं. 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर दिल्ली के सराय काले खां और अक्षरधाम के अलावा उत्तर प्रदेश के इंदिरापुरम, डूंडाहेड़ा, डासना, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, भोजपुर और परतापुर पर एंट्री और एग्जिट पॉइन्ट बनाए गए हैं. इन सभी एंट्री-एग्जिट पर कैमरे की मदद से वाहनों के ऑनलाइन टोल काटे जाएंगे.
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एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करने वाले वाहनों के दो तरीकों से टोल काटे जाएंगे. जिन वाहनों पर फास्टैग होगा, उनकी वसूली ऑनलाइन होगी और जिन वाहनों पर फास्टैग नहीं होगा, उनके टोल की वसूली नंबर प्लेट की मदद से घर पर चालान भेजकर की जाएगी. एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद दिल्ली से मेरठ जाने वाले लोगों को काफी राहत मिलने वाली है. इससे न सिर्फ लोगों का समय बचेगा बल्कि जाम से भी छुटकारा मिल जाएगा. बता दें कि हाईस्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट की वजह से दिल्ली-मेरठ हाईवे पर हमेशा जाम लगा रहता है, जो इस एक्सप्रेसवे के खुलने से काफी कम हो जाएगा.
HIGHLIGHTS
- 82 किलोमीटर लंबा है दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
- दिल्ली से मेरठ पहुंचने में लगेंगे अब सिर्फ 45 मिनट