दिल्ली मेट्रो किराया बढ़ाए जाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार आमने-सामने है। केंद्र ने साफ कर दिया है कि प्रस्तावित मेट्रो किराये में कमी नहीं की जाएगी।
केंद्र सरकार ने कहा, 'किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) किराया कमी के लिए विचार कर सकती है, अगर दिल्ली सरकार हर साल 3,000 करोड़ रुपये से अधिक दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को देने के लिए राजी हो।'
केंद्र ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कहा कि मेट्रो एक्ट के मुताबिक प्रस्तावित मेट्रो किराया को स्थगित नहीं किया जा सकता है।
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो रेल के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह मेट्रो किराए में प्रस्तावित वृद्धि पर आगे कदम बढ़ाते हैं तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
आम आदमी पार्टी (आप) की दिल्ली सरकार 10 अक्टूबर से मेट्रो के प्रस्तावित किराया वृद्धि का विरोध कर रही है और डीएमआरसी द्वारा साल में दूसरी बार किराया बढ़ाने के खिलाफ कमर कस चुकी है।
डीएमआरसी का गठन 1995 में किया गया था, जिसमें केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार की बराबर की भागीदारी है।
डीएमआरसी ने बढ़ोतरी के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि इसके निवेश की लागत साल भर में बढ़ गई है, और दूसरे शहरों के समान मेट्रो किराए में वृद्धि होनी चाहिए।
आपको बता दें कि नई किराया वृद्धि 10 अक्टूबर से प्रभावी होगी। इसके पहले मई में किराया बढ़ाया गया था। इस साल मई में न्यूनतम किराया आठ रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये और अधिकतम 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया था।
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HIGHLIGHTS
- केंद्र ने केजरीवाल सरकार से कहा, मेट्रो एक्ट के मुताबिक प्रस्तावित मेट्रो किराया को स्थगित नहीं किया जा सकता
- केंद्र ने कहा, दिल्ली सरकार हर साल 3,000 करोड़ रुपये डीएमआरसी को देने के लिए राजी हो तो करेंगे विचार
- दिल्ली में नई किराया वृद्धि 10 अक्टूबर से प्रभावी होगी
Source : News Nation Bureau