दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की अगली बैठक 7 नवंबर को तय की गई है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस बैठक में दिल्ली मेट्रो के किराए बढ़ाये जाने को लेकर चर्चा होगी या नहीं।
इससे पहले 27 सितंबर को भी बोर्ड की बैठक तय की गई थी, लेकिन बाद में उसे ऐन मौके पर टाल दिया गया था। दरअसल किराया तय करने वाली कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद से कई बार बैठक तय की गई, लेकिन बैठक आख़िरी वक़्त में टल गई।
सूत्रों का कहना है कि बीते 7 साल से मैट्रो का किराया नहीं बढ़ा है जिसकी वजह से दिल्ली मेट्रो वित्तीय दबाव में है। एक अनुमान के मुताबिक यह घाटा 250 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। मंत्रालय और दिल्ली सरकार के द्वारा जो किराया कमिटी गठित की गई थी, उसने भी किराया बढ़ाने की सिफारिश की थी।
बीते 4 साल से चुनावों की वजह से किराया बढ़ाने का मामला बार बार टाला जाता रहा है। हालांकि इस साल सरकार ने किराया कमिटी के गठन का फैसला ज़रूर किया है।
लेकिन केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की चिेंता यह है कि अगर किराया बढ़ा तो वे विरोधियों के निशाने पर आ सकते हैं।
Source : News Nation Bureau