उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले महीने हुई हिंसा में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (DMC) ने 2 फरवरी को प्रभावित इलाके में जाकर जायजा लिया था. डीएमसी की जिस टीम ने दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) प्रभावित इलाके का दौरा किया था, उसमें डीएमसी के चेयरमैन जफरुल इस्लाम और आयोग के सदस्य करतार सिंह भी शामिल थे. इन इलाकों में जाफराबाद, चांदबाग, बृजपुरी, गोकुलपुरी, मुस्तफाबाद, शिव विहार, यमुना विहार और भजनपुरा शामिल हैं. डीएमसी टीम ने उन सभी स्कूलों और मस्जिदों का भी दौरा किया था, जो इस हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए थे.
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टीम में होंगे 6 सदस्य
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम ने बताया कि इस हिंसा में हुए नुकसान के आंकलन के लिए आयोग 6 लोगों की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन करेगी. इस टीम में आयोग के सदस्यों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार भी शामिल होंगे. इस्लाम ने कहा, 'हम 2 मार्च को उत्तर-पूर्वी दिल्ली गए थे और अब हम जल्द से जल्द एक फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन करेंगे, जो कि इन दंगों के शुरू होने के कारणों की जांच करेगी. इन दंगों में कितना नुकसान हुआ. कितने लोग ऐसे हैं, जो इन दंगों की वजह से भागे हैं और साथ ही यह भी पता लगाने का प्रयास किया जाएगा इन दंगों में पुलिस की क्या भूमिका रही थी.'
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सुनियोजित थी हिंसा
डीएमसी के सदस्य करतार सिंह 2 मार्च को उत्तर-पूर्वी दिल्ली गए थे. उन्होंने बताया, 'यह सब सुनियोजित तरीके से हुआ है. यह दंगा अचानक नहीं हुआ. इन दंगों में उन सभी बिल्डिंगों पर कब्जा किया गया, जो कि इन इलाकों में सबसे बड़ी और ऊंची थीं. उनको टारगेट करके वहां से सब कुछ किया गया है.' करतार ने कहा, 'हिंसा में बाहर से लोग भी शामिल रहे और वे लोग दंगों के दौरान 24 घंटे इन बिल्डिंगों में रह रहे थे. ये सभी लोग दंगा भड़काने के लिए तैयार किए गए थे और उनके कपड़े भी अलग थे. अभी हम फिलहाल जांच के लिए एक टीम बनाएंगे जो कि इन सभी पहलुओं की जांच करेगी.'
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स्थानीय लोगों की भागीदारी
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा को लेकर बुधवार को अपनी एक आंकलन रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि यह हिंसा सुनियोजित थी और इसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें अधिकतम नुकसान दुकानों और घरों को हुआ है. साथ ही दिल्ली सरकार द्वारा घोषित क्षतिपूर्ति इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त नहीं है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जितनी आर्थिक मदद पीड़ितों को दी गई है, उसके आधार पर वे अपना जीवन फिर से पटरी पर नहीं ला पाएंगे.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली हिंसा के प्रभावित इलाके में जाकर जायजा लिया.
- आंकलन रिपोर्ट में हिंसा सुनियोजित बताई, जिसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी थी.
- यह भी कहा कि सब सुनियोजित तरीके से हुआ है. यह दंगा अचानक नहीं हुआ.