घरेलू विमान किराए में बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद नगर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छह जून को एयरलाइंस के सलाहकार समूह के साथ बैठक की. इसके बाद से दिल्ली के कुछ मार्गों के किराये में 14 से 61 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है. सिंधिया ने कहा कि अगर मांग ज्यादा है, इसके साथ इनपुट लागत कम नहीं किया जा सकता तो दरों को भी कम नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, निजी एयरलाइन भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझें. सभी क्षेत्रों में किराए बढ़ाने की एक सीमा होना जरूरी है. उन्होंने उड्डयन मंत्रालय की भूमिका पर स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि मंत्रालय की भूमिका एक सुविधा प्रदाता की तरह है न कि नियामक की.
दिल्ली-मुंबई का किराया दुबई से महंगा
गौरतलब है कि देश में विमान से सफर करने वाले यात्रियों की तादात बढ़ती जा रही है. दूर से देखने में ऐसा लगता है कि अंतराराष्ट्रीय उड़ानों के मुकाबले घरेलू उड़ानें सस्ती होती है. मगर ये सच नहीं है. नए रेट को देखकर कोई भी चौंक सकता है. दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली से आर्थिक राजधानी मुंबई तक का हवाई सफर का किराया दुबई से भी ज्यादा महंगा हो गया है.
इसलिए बढ़ रहे दाम
ऐसा बताया जा रहा है कि दिल्ली-मुंबई के बीच कीमतें बढ़ने के कई कारण हैं. इसकी वजह दोनों शहरों के बीच सफर करने वाले यात्रियों की ज्यादा तादाद, इसके साथ बड़ी संख्या में सीटें न होना और ऑपरेशनल कॉस्ट में इजाफा होना बताया गया है.
बढ़ते किराए पर उठे रहे सवाल
दामों में बढ़ोतरी के मामले में अब टिकट के प्राइसिंग स्ट्रक्चर पर सवाल उठने लगे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि वह मौजूदा स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. दाम बढ़ने से यात्रियों को रही परेशानी का हल निकालने की कोशिश जारी है. एयरलाइन को अपनी कीमत निकालने के साथ टिकट की कीमतों को कम करने का भी प्रेशर है. यह एयरलाइन के लिए चुनौती है. ऐसे में बीच का रास्ते को लेकर काम चल रहा है.
Source : News Nation Bureau