दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नर्सरी एडमिशन मामले में करारा झटका दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार की याचिका को ख़ारिज कर दिया है। जिसमें दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय से सिंगल बेंच के आदेश के फैसले पर डबल बेंच से सुनवाई की मांग की थी।
दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दिल्ली सरकार की इस मांग को रद्द करते हुए सिंगल बेंच के पहले दिए गए फैसले पर ही मुहर लगा दी है। इससे पहले हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशन के ज़रिए नर्सरी एडमिशन कराने के फैसले को रद्द करते हुए कहा था कि यह नोटिफिकेशन अभिभावकों को उनकी पसंद के स्कूल में बच्चे का दाखिला कराने का अधिकार छीन रहा है।
इस को रद्द करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार के इस नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी। इस फैसले को दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को सरकार ने हाई कोर्ट के डबल बेंच में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने सरकार के इस नेबरहुड क्राइटेरियो को स्वीकार न करते हुए इसे अतार्किक बताया था।
क्या है नेबहुड क्राइटेरिया?
नेबरहुड पॉलिसी के तहत नर्सरी एडमिश में बच्चों को सबसे पहले पास के उन प्राइवेट स्कूल में दाखिला मिलता जो कि 1 किमी के दायरे में रहते हैं। इस क्राइटेरिये में दाखिले के बावजूद स्कूल में सीट मिलती तो फिर 3 किमी के दायरे के बच्चों को दाखिला मिलता।
इसके बाद भी अगर सीट होतीं तो फिर स्कूल 6 किलोमीटर के दायरे वाले बच्चों को एडमिशन के लिए मौका दे सकते थे। दिल्ली उच्च न्यायालय के इस फैसले से जहां प्राइवेट स्कूलों को राहत मिली है वहीं, दिल्ली सरकार को कोर्ट ने झटका दिया है।
हाई कोर्ट का कहना है कि क्वालिटी एजुकेशन के नाम पर सरकार प्राइवेट स्कूलों के साथ मनमानी नहीं कर सकती।
विधानसभा चुनावों से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Source : News Nation Bureau