Eid-ul-Adha: देश में आज ईद उल-अज़हा का त्योहार मनाया जा रहा है. इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोगों ने जामा मस्जिद ( Jama Masjid ) पर नमाज ( Devotees offer namaz at Jama Masjid ) अदा की. नमाजियों ने देश में अमन चैन के लिए दुआ मांगी. आपको बता दें कि ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्योहार इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों का मुख्य त्योहार माना जाता है. इस दिन इस्लाम को मानने वाले लोग देश में अलग-अलग ईदगाह व मस्जिदों में ईद उल अज़हा की नमाज पढ़ते हैं. इसके बाद बकरे की कुर्बानी दी जाती है.
इस्लाम में ईद उल-अज़हा मनाने के पीछे हजरत इब्राहिम के जीवन से जुड़ी एक बड़ी घटना का जिक्र किया गया है. इस्लाम के अनुसार हजरत इब्राहिम अल्लाह के पैगंबर थे. इब्राहित अल्लाह में पूरा विश्वास रखते थे. मान्यता है कि एक बार पैगंबर ने हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेनी चाही और उनसे कहा कि वह विश्वास को साबित करने के लिए सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी दे. पैगंबर के आदेश पर उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का निर्णय लिया, लेकिन ऐन मौके पर अल्लाह ने उनके बेटे को एक बकरे में बदल दिया. तब से आज तक बकरीद का त्योहार मनाया जाता है.
बकरीद के मौके पर दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद में हजारों मुसलमानों ने नमाज अता की. इस मौके पर शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि उदयपुर घटना का सारे मुसलमानों को दुख है देश में अमन चैन और शांति के लिए ईद की नमाज में दुआ पढ़ी गई है. मुफ़्ती मुकर्रम ने कहा कि हम लोग जीते जी अपने ही वतन के लिए मोहब्बत से भरे हैं और जब मर जाएंगे तब इसी मिट्टी में दफन हो जाएंगे, हम हिंदुस्तान में 1400 साल से रहते आये हैं. मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि हम जैसे लोग अपने नौजवान लड़कों को समझाने के लिए हमेशा आगे हैं.
Source : News Nation Bureau