नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए दंगों पर दिल्ली पुलिस की सप्लीमेंट्री चार्जशीट से ताहिर हुसैन और उमर खालिद के बारे में सनसनीखेज खुलासा हुए हैं. चार्जशीट के मुताबिक ताहिर हुसैन ने न सिर्फ खालिद से मुलाकात की बात कबूली है, बल्कि यह भी सामने आया है कि दिल्ली दंगों के लिए धन जुटाने के वास्ते फर्जी बिल लगाए गए और ताहिर के ही अकाउंट का इस्तेमाल किया गया. ताहिर ने कथित तौर पर कबूला है कि खालिद ने ही सीएए पर सरकार को घुटने टेकने को मजबूर करने के लिए बड़े धमाके की बात कही थी. साथ ही कहा था कि देश को दंगों की आग में झोंकने के लिए पैसों की कमी कतई आड़े नहीं आएगी. खालिद ने ताहिर से कहा था कि पीएफआई के जरिये इंतजाम हो जाएगा.
उमर खालिद के खिलाफ दायर दिल्ली पुलिस की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में ताहिर हुसैन के बयान का उल्लेख है. इस बयान में कथित तौर पर ताहिर हुसैन ने पिछले साल आठ जनवरी को शाहीन बाग में उमर खालिद के साथ हुई बैठक के बारे में बताया है.
ताहिर हुसैन के बयान के अनुसार उमर खालिद ने उससे कहा था, 'राम मंदिर और अनुच्छेद 370 की मसले में तो हम चुप रहे, मगर अब सीएए को वापस कराने और सरकार को घुटने टेकने के लिए बड़ा धमाका करना होगा, जिससे पूरे देश में आग लग जाए और विदेशों में भी सरकार की बदनामी हो. इसके लिए चाहे कितने भी घरों में आग लगानी पड़े या कितने भी हिंदुओं को मारना पड़े, मगर सरकार को हर हाल में हिलाना है. उमर खालिद ने मुझसे कहा कि पैसे की चिंता मत करना. पैसों की कमी नहीं है. हमारे अन्य साथी और दिल्ली पीएफआई संगठन के सभी इस मिशन में पैसों से मदद कर रहे हैं. इन पैसों से दंगा फसाद करने वाले लड़के तैयार करो और दंगे फसाद के लिए जरूरी सामान खरीदो.'
चार्जशीट में एक गवाह के बयान के हवाले से खुलासा किया है कि ताहिर हुसैन ने फर्जी बिलों के जरिये धन जुटाया था. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में गवाह के बयान के हवाले से कोर्ट को बताया है कि श्रमिकों की आपूर्ति के नाम पर फर्जी बिलों के जरिये धन जुटाया गया था, इसलिए उस पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की धाराएं लगाई गई हैं.
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच करते हुए इन फर्जी बिलों को जब्त कर मुकदमा दर्ज किया था.
जांच के दौरान ताहिर हुसैन ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए अपनी कंपनी के अकाउंटेंट का इस्तेमाल किया था, जिसके बयान को पुलिस ने गवाह के तौर पर इस्तेमाल किया है.
गौरतलब है कि चार्जशीट मीडिया में लीक होने को लेकर उमर खालिद के आरोप पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब-तलब किया है. दिल्ली पुलिस को 14 जनवरी तक कोर्ट में जवाब देना है. हालाकि उमर खालिद ने नीचे इस बयान पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया. ये बयान पुलिस के सामने दिए बयान है, जिनका आरोप के तौर चार्जशीट में पुलिस ने उल्लेख किया है. बतौर सबूत सिर्फ कोर्ट में दिया बयान ही मान्य होगा. हालांकि चार्जशीट पर संज्ञान लेते हए कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि प्रथम द्रष्टया यह मानने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि ताहिर हुसैन, उमर खालिद और बाकी ने मिलकर चार्जशीट में उल्लेख किए गए अपराध को अंजाम देने के लिए साजिश रची.
Source : News Nation Bureau