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पुलिस कमिश्नर बोले- किसानों ने विश्वासघात किया, लेकिन हमने संयम बरता

किसानों की ट्रैक्टर रैली में मंगलवार को हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा पिछले दो महीने से धरने पर बैठे है. दो जनवरी को पुलिस को किसानों की ट्रैक्टर रैली की जानकारी

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Deepak Pandey
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पुलिस कमिश्नर बोले- किसानों ने विश्वासघात किया, लेकिन हमने संयम बरता( Photo Credit : ANI)

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किसानों की ट्रैक्टर रैली में मंगलवार को हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा पिछले दो महीने से धरने पर बैठे है. दो जनवरी को पुलिस को किसानों की ट्रैक्टर रैली की जानकारी मिली थी. इसकी जानकारी मिलते ही हमने किसान नेताओं से पांच राउंड की बातचीत की. पुलिस ने किसानों से कहा कि 26 जनवरी के बजाए किसी और दिन ट्रैक्टर मार्च करे. किसानों के न मानने पर हमने कहा कि KMP पर ही मार्च  करे. उन्हें सहयोग का आश्वासन भी दिया गया पर वो दिल्ली में ही मार्च के लिए अड़े रहे.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि किसानों के साथ पांच राउंड की बातचीत के बाद हमने उनके लिए तीन रूट तय किए. उस दिन रिपब्लिक परेड थी. लिहाज, कुछ शर्तें उनके लिए रखी गईं. ट्रैक्टर रैली दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी. किसान नेता मार्च को लीड करें. हर जत्थे के साथ उनके लीडर न हो. पांच हज़ार से ज्यादा ट्रैक्टर न हो. कोई हथियार न हो, ये शर्तें रखी गई थीं

पुलिस कमिश्नर श्रीवास्तव ने आगे कहा कि किसान नेताओं से अंडरटेकिंग भी ली गई थी. ये समझ में नहीं आया कि वो वायदे से क्यों मुकर गए. आक्रामक स्पीच दी गई. उन्होंने कहा कि नेता सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया, जिससे किसान बैरिकेड तोड़ने पर आमादा हो गए.  दर्शनपाल भी वहां पहुंच गए औऱ रूट फ़ॉलो करने से मना कर दिया. 

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि आठ बजे के आसपास ही टिकरी और गाजीपुर से ट्रैक्टर मार्च निकल पड़ा, जबकि 12 बजे का वक़्त तय था. पुलिस ने समझाया पर वो बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए. मुकरबा चौक पर सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया था. उन्होंने आगे कहा कि मुकरबा चौक पर हिंसा हुई. टिकरी बॉर्डर पर भी किसान साढ़े आठ बजे के आसपास निकले. उनके नेता बूटा सिंह वहां हिंसा में शामिल रहे. 
इसके बाद उनमें से कुछ लाल किले तक पहुंच गए.

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने संयम का रास्ता चुना, क्योंकि हम जान माल का नुकसान नहीं चाहते थे. हमने एग्रीमेंट के लिहाज से अपनी जिम्मेदारी का पालन किया. शर्तों के उल्लंघन के चलते हिंसा हुई. हिंसा में किसान नेता शामिल थे. इस हिंसा में 394 पुलिस वाले ज़ख्मी हुए. 428 बैरिकेड, 4 एक्सरे मशीन, 30 पुलिस गाड़ियां, 6 कंटेनर डैमेज किए गए.

उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद पुलिस ने आसूं गैस का इस्तेमाल किया. लाल किले पर धार्मिक झंडे लहराए गए. वो बतौर केस प्रॉपर्टी
हमारे पास है. हमारे पास हिंसा करने वालों की वीडियो फुटेज है. उनकी शिनाख्त हो रही है. हम इस मामले को बेहद गम्भीरता से ले रहे हैं. एक बात साफ कर दें कि किसी को छोड़ा नहीं जाएगा. देश के सम्मान कसाथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. अब तक 25 से ज़्यादा केस पुलिस ने दर्ज किए हैं. 308 ट्विटर हैंडल पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे हैं

सीपी ने आगे कहा कि हमारे पास बराबर खुफिया जानकारी मिल रही थी. वरना हमें ट्विटर हैंडल का पता नहीं चलता पर चूंकि हमारी एग्रीमेंट हुआ था, हम उस पर कायम रहना चाहते थे. यही वजह है कि पुलिस की वजह से किसी की मौत नहीं हुई
. जिन किसान नेताओं की मिलीभगत पाई जाएगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी

CP श्रीवास्तव ने आगे कहा कि किसान नेताओं ने विश्वासघात किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. 19 आरोपी अभी तक गिरफ्तार और 50 अभी हिरासत में हैं. दीप सिंधु पर बार-बार पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने उनका नाम नहीं लिया. सिर्फ यही कहा कि जिसकी मिलीभगत होगी, कार्रवाई होगी.

Source : News Nation Bureau

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