राजधानी दिल्ली में पुलिस ने तमिलनाडु कैडर के आईपीएस और इंस्पेक्टर जनरल के जाली आई-कार्ड के साथ सीता राम बाजार के एक बिजनेसमैन को अरेस्ट किया है. हालांकि, अभी तक ऐसी कोई शिकायत या साक्ष्य नहीं मिला है कि उस बिजनेसमैन ने खुद को आईपीएस बताकर कोई ठगी की. लेकिन इतना सच है कि वह खुद को इंस्पेक्टर जनरल बताता था. दिल्ली में अपना कारोबार बताता था. ऐसा वह लोगों को चमकाने के लिए करता था या कोई आपराधिक इरादा रखता था, यह जांच का विषय है.
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फिलहाल, बिजनेसमैन को पुलिस ने आईपीसी की धारा 170 के तहत अरेस्ट किया है. यह धारा खुद को लोकसेवक बताने का भ्रम फैलाने से संबंधित है. अगर आगे की जांच में यह पता चलता है कि बिजनेसमैन ने फर्जी लोकसेवक की पहचान के जरिए किसी को ठगा है या अन्य कोई अपराध किया है तो संबंधित सेक्शन भी एड किए जाएंगे. पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लिया है फिलहाल उससे पूछताछ जारी है.
IAS के एग्जाम में फेल हुआ तो खुद से IPS बन गया
आरोपी बिजनेसमैन का नाम राजीव गुप्ता (53) है. सेंट्रल दिल्ली के डीसीपी मनदीप सिंह ने बताया कि आरोपी से शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि वह खुद को 1989 बैच का आईपीएस बताता था जो इंदिरापुरम के नीति खंड में रहता है. उसका कहना है कि वह 1989 में आईएएस की परीक्षा में शामिल हुआ था. उसके समय लोग आईजी हो चुके हैं, इसलिए वह भी जाली कार्ड के जरिए आईजी बन गया.
उसके बार में हौजकाजी की हिम्मत गढ़ पुलिस चौकी के इंचार्ज योगेंद्र को सीक्रेट इंफोर्मेशन मिली थी. जिसके बाद उन्होंने एसएचओ को सूचना दी. एसीपी कमला मार्केट अमित कौशिक की सुपरविजन में पुलिस टीम ने सूचना पुख्ता होने पर आवश्यक प्रक्रिया पूरी की और आरोपी राजीव गुप्ता को सीता राम बाजार स्थित दुकान से गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से दो आईडी भी रिकवर हुई हैं.
Source : News Nation Bureau