दिल्ली पुलिस ने सीएए विरोधी दंगों (Anti caa riots) से संबंधित एक मामले में जेएनयू (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. शरजील इमाम पर आरोप है कि उन्होंने एक विशेष समुदाय के लोगों को प्रमुख शहरों के लिए जाने वाले हाई-वे को रोककर चक्का जाम करने का आह्वान किया था.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने यह चार्जशीट यूएपीए एक्ट के तहत दखिल की है. पुलिस ने राजद्रोह के साथ आईपीसी की धारा 153 (ए) (बी), 505 और 13 गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 भी जोड़ा है. आरोपपत्र में कहा गया है, ‘उस पर देश के खिलाफ भाषण देने और एक विशेष समुदाय को अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए भड़काने का आरोप है जो राष्ट्र की संप्रभुता और एकता के खिलाफ हैं.’
इसमें कहा गया है, ‘संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध की आड़ में उसने एक विशेष समुदाय के लोगों को राजमार्ग बाधित करने के लिए उकसाया और ‘चक्का जाम’ कराया जिससे सामान्य जनजीवन बाधित हुआ.’
इसमें आरोप लगाया गया है कि इमाम ने खुलेआम संविधान का उल्लंघन किया और इसे ‘‘फासीवादी’’ दस्तावेज बताया. इसमें बताया गया है कि सीएए के विरोध के नाम पर उसने खुलेआम दुष्प्रचार किया कि ‘चिकेन नेक’ को जाम किया जाए जो पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ता है। उसने प्रदर्शन के लोकतांत्रित तरीकों का भी अपमान किया.
अदालत मामले में 27 जुलाई को सुनवाई कर सकती है. इमाम पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 13 दिसम्बर और इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 16 जनवरी को कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने की जांच चल रही है, जहां उसने कथित तौर पर धमकी दी कि असम और शेष पूर्वोत्तर राज्यों को भारत से अलग कर दिया जाए.
पुलिस ने इससे पहले अदालत को बताया था कि 13 दिसम्बर के उसके भाषण के बाद दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर आगजनी और हिंसा हुई और 16 जनवरी के उसके भाषण के बाद कई जगह प्रदर्शन शुरू हो गए. वर्तमान में वह गुवाहाटी जेल में बंद है और कोरोना वायरस से संक्रमित है.
Source : News Nation Bureau