आंदोलनकारी किसानों ने आश्वासन दिया है कि दिल्ली में प्रस्तावित 'चक्का जाम' नहीं किया जाएगा. इस बीच एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने कड़ी सुरक्षा की है. सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की व्यवस्था है, जहां प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल नवंबर से बैठे हैं. दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वाल ने कहा, "हालांकि हमें पता चला है कि किसानों की राजधानी में चक्का जाम करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन 26 जनवरी को समझौते को विफल करने के मद्देनजर, हम कोई चांस नहीं लेना चाह रहे हैं. विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में विस्तृत व्यवस्था की है. वहीं रणनीतिक स्थानों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और दिल्ली पुलिस सीमावर्ती राज्यों और सिंघु, टीकरी और गाजीपुर जैसी सीमाओं के करीब विरोध स्थलों पर नजर रखेगी. दिल्ली पुलिस अपने पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस के भी संपर्क में है और राज्य पुलिस के साथ निकट समन्वय में खुफिया जानकारी एकत्र कर रही है.
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अधिकारी ने कहा, "हम विरोध शुरू होने के बाद से ही सीमावर्ती राज्यों की पुलिस के संपर्क में हैं. चक्का जाम के मद्देनजर हम सीमाओं पर भी नजर रखेंगे." छह फरवरी को प्रस्तावित चक्का जाम के दौरान दिल्ली पुलिस कुछ सोशल मीडिया हैंडल की निगरानी भी करेगी. इससे पहले दिन में, दिल्ली पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि देशव्यापी विरोध शांतिपूर्ण होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली में 'चक्का जाम' नहीं होगा. इसके साथ ही टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी चक्का जाम नहीं होगा.
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बता दें कि 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने 330 ट्विटर हैंडल से हिंसा के लिए भड़काने के बारे में जानकारी दी थी, जो पाकिस्तान से चलाए जा रहे थे उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पेशल सीपी दीपेंदर पाठक की बाइट का इस्तेमाल किया जा सकता है. दिल्ली और देश के खिलाफ इंटरनेशनल साजिश, दिल्ली पुलिस की साइबर सेल रही है पैनी निगाह. किसान आंदोलन शुरू होने से लेकर अब तक 1100 से ज्यादा टि्वटर हैंडल आईडेंटिफाई किए गए जिनके जरिए आंदोलन की आड़ में माहौल खराब करने की साजिश हुई. सबसे अहम और हैरानी की बात यह है कि इनमें 150 से ज्यादा ट्विटर हैंडल वेरीफाइड थे, यानी देश के खिलाफ साजिश में नामी हस्तियां भी शामिल. पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थन में सोशल मीडिया पर चलाई जा रही है मुहिम.
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दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट और साइबर क्राइम यूनिट के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह सभी हैंडल पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थित है जिन्हें पाकिस्तान से ऑपरेट किया जा रहा है. इन सभी अकाउंट से किसान आंदोलन से लेकर 26 जनवरी तक 15 #टैग वायरल भी किए गए, जिनमें करीब दो दर्जन अकाउंट ऐसे थे जो खाली स्थान के समर्थन में भारत के खिलाफ बेहद घृणा भरे कमेंट कर रहे थे, इनमें 13 प्रोफाइल को सबसे ज्यादा रिट्वीट किया गया. इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के आधार पर साइबर क्राइम यूनिट, क्राइम ब्रांच एसआईटी और अन्य एजेंसी इन अकाउंट्स के मालिकों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं.
Source : News Nation Bureau