Delhi Police arrangement on Farmers Tractor Rally : देश में आज जहां गणतंत्र दिवस की गर्मजोशी का माहौल है वहीं देश के कई किसान आज राजपथ पर ट्रैक्टर रैली निकालने की तैयारी में हैं. ऐसे में दिल्ली पुलिस पर आज दोहरी जिम्मेदारी आन पड़ी है. एक तरफ दिल्ली पुलिस को जहां देश की राजधानी में किसी अप्रिय घटना के घटित होने को रोकने से लेकर किसी आतंकी गतिविधि को रोकने की अहम जिम्मेदारी हर बार की तरह बनी हुई है वहीं इस बार किसानों की राजपथ पर ट्रैक्टर रैली निकालने की जिद के चलते दिल्ली के तमाम मार्गों पर अतिरिक्त बल की तैनाती और व्यवस्था करनी पड़ी है.
दिल्ली के मार्गों पर आज सुबह से ही दिल्ली पुलिस ने जगह जगह बैरीकेडिंग लगाई हुई है. इस बार पिछले सालों की तुलना में ज्यादा बैरिकेडिंग दिख रही है. किसी भी संदिग्ध वाहन की सघन चेकिंग की जा रही है. व्यक्ति पर शक होने पर उससे पूछताछ भी हो रही है. यह भी देखा जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने इस बार किसानों की ट्रैक्टर रैली के चलते बड़ी-बड़ी क्रेनों को भी कई जगह तैनात किया है.
द्वारका से लेकर नोएडा तक के सफर में यह देखा गया कि द्वारका के करीब दिल्ली कैंट पर बैरीकेडिंग है और पुलिस जांच के बाद वाहनों को निकलने दे रही है. वहीं एम्स पर इस बार एक नहीं तीन बड़ी क्रेनों को तैयार रखा गया है. इतना ही नहीं इस बार हर बार की तुलना में पुलिस बल की तैनाती भी अधिक है. डीएनडी पर भी आरएएफ की तैनाती है. इसी के साथ पुलिस बल के साथ ही यहां पर भी बड़ी क्रेन को तैनात रखा गया है. यह स्पष्ट है कि दिल्ली पुलिस ने अपनी और से यह तैयारी की है कि दिल्ली में किसानों की ओर से यदि कोई ऐसा प्रयास किया जाएगा जिससे कि गणतंत्र दिवस की परेड में कोई बाधा उत्पन्न हो उसे रोका जा सके.
बता दें कि पिछले 62 दिन से लगातार दिल्ली की सीमा पर किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता हो चुकी है जो बेनतीजा रही है. किसान इस बात पर अभी भी अड़े हुए हैं कि सरकार तीनों कानूनों को रद्द करे लेकिन सरकार ने अपनी ओर से स्पष्ट कर दिया है कि ये कानून रद्द नहीं होंगे. सरकार ने किसानों को इन कानूनों को लागू करने के लिए डेड़ से लेकर दो साल तक की देरी करने की बात भी कही है लेकिन किसान इस पर भी सहमत नहीं हुए और आज हालात यह है कि किसान राजपथ पर ट्रैक्टर रैली की जिद को पूरा करने पर उतारू हैं.
Source : Rajeev Mishra