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मौलाना साद (Maulana Saad) को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच

तब्‍लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद ने दिल्‍ली पुलिस के क्राइम ब्रांच की नोटिस का जवाब नहीं दिया है और न ही कोरोना टेस्‍ट की रिपोर्ट पुलिस को सौंपी है.

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Sunil Mishra
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मौलाना साद को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है क्राइम ब्रांच( Photo Credit : File Photo)

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तब्‍लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद (Maulana Saad) ने दिल्‍ली पुलिस के क्राइम ब्रांच की नोटिस का जवाब नहीं दिया है और न ही कोरोना वायरस (Corona Virus) टेस्‍ट की रिपोर्ट पुलिस को सौंपी है. अब क्राइम ब्रांच मौलाना साद को पांचवां नोटिस देने की जगह सीधे पूछताछ करने और गिरफ्तार करने का मन बना रही है. मौलाना साद को गिरफ्तार करने की पुलिस तैयारी कर चुकी है. मौलाना साद के अलावा क्राइम ब्रांच की टीम एफआईआर में नामजद बाकी लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है. मौलाना साद के ठिकाने के बारे में दिल्‍ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सूचना मिल गई है.

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गिरफ्तारी के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम अपने साथ डॉक्टरों की टीम भी ले जाएगी, ताकि ऐन मौके पर मौलाना और उसके साथी किसी भी तरह का बहाना न बना सकें. मौलाना साद पुलिस का सामना करने से बचने के लिए कई बहाने बना सकता है. उसका दावा है कि वह अभी होम क्‍वारंटाइन है. मौलाना साद दूसरे बहाने के तौर पर करीब 1 महीने से ज़्यादा क्‍वारंटाइन होने और जमात मुख्यालय के बारे में कुछ भी मालूम न होने और सहयोगियों से बातचीत करने के लिए भी टाइम मांगने का बहाना कर सकता है. हालांकि क्राइम ब्रांच का दावा है कि मोलाना साद के बहानों से बचने की पूरी तैयारी कर ली गई है.

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दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, निजामुद्दीन मरकज़ (Nizamuddin Markaz) में 13 से 24 मार्च के बीच कम से कम 16,500 लोग जुटे थे. सेल फोन डेटा के यूज़ के आधार पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर और मरकज में एक्टिव मोबाइल्स के आधार पर इस संख्या का आकलन किया गया है. मरकज़ (Markaz) में आने वाले  लोगों की संख्या को लेकर तैयार की गई इस रिपोर्ट को पुलिस ने केंद्र और राज्य सरकारों को सौंपा है.

एक महीने में पुलिस ने कॉल डिटेल्स और सभी 16,500 लोगों की लोकेशन की जांच की है. जांच में सामने आया कि मरकज में आने वाले जमाती यहां से निकलने के बाद करीब 15,000 लोगों के संपर्क में आए थे, जबकि कुछ मरकज में ही रुके थे. जमात में शामिल लोगों से मिलने वाले इन 15,000 लोगों से फोन पर संपर्क किया गया और उनसे जानकारी जुटाई गई.

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जांच रिपोर्ट को तैयार करने में पुलिस की सभी यूनिट्स लगी थीं. ट्रैफ़िक पुलिस उन लोगों का विश्लेषण करने में लगी हुई थी जो इन 16,500 के संपर्क में आए थे. पुलिस की एक दूसरी टीम ने दूसरे समूह के सभी संवेदनशील लोगों से संपर्क किया. आर्म्ड पुलिस सिक्योरिटी ब्रांच ने भी इस रिपोर्ट के लिए जानकारियां जुटाई.

Source : News Nation Bureau

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