दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने एक इन्स्टाग्राम ग्रुप के एडमिन को गिरफ्तार कर लिया है. ‘ब्वॉइज लॉकररूम’ नामक इस ग्रुप का इस्तेमाल अश्लील संदेशों तथा बच्चियों की छेड़छाड़ से तैयार की गई तस्वीरें सोशल मीडिया साइट पर शेयर करने के लिए किया जाता था. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इस ग्रुप के 18 वर्षीय जिस एडमिन को गिरफ्तार किया गया है उसने इस साल बारहवीं बोर्ड की परीक्षा दी है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किया गया नाबालिग एडमिन दिल्ली- एनसीआर के एक स्कूल का छात्र है. इस ग्रुप के 18 साल से अधिक उम्र के चार सदस्य बुधवार को जांच में शामिल हुए. उन्होंने बताया कि एडमिन ने अप्रैल के पहले सप्ताह में यह ग्रुप बनाया और अपने मित्रों को उससे जोड़ा. इन लोगों ने दूसरे स्कूलों के अपने दोस्तों और पड़ोसियों को भी इसमें शामिल किया और इस तरह ग्रुप का विस्तार हुआ.
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए एडमिन के नाम का खुलासा नहीं किया. उनका कहना है कि ऐसा करने से ग्रुप के अन्य सदस्यों की पहचान हो जाएगी. अन्य सदस्यों में से ज्यादातर अवयस्क हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच से पता चला है कि कम से कम 27 लोग ग्रुप के सदस्य थे. जैसे ही उनकी चैट के स्क्रीनशॉट जाहिर हुए, इन लोगों ने इसे डी-एक्टिवेट कर दिया. अधिकारी के अनुसार, मामले के संबंध में सोमवार को पकड़ा गया 15 वर्षीय किशोर ग्रुप का सक्रिय सदस्य था और लड़कियों की तस्वीरें ग्रुप में शेयर करता था. पूछताछ में उसने बताया कि उसे उसके एक दोस्त ने ग्रुप में शामिल किया था. मंगलवार से अब तक, ग्रुप के कम से कम 15 सदस्यों से पूछताछ की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि ग्रुप से जुड़े किशोरों से उनके घर में, उनके अभिभावकों तथा गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों की मौजूदगी में पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने कहा कि अब तक, चिह्नित सदस्य अपने ही सेल फोन का इस ग्रुप के लिए इस्तेमाल करते पाए गए और अगर जांच के दौरान किसी अन्य उपकरण का पता चलता है तो उसे सत्यापन के लिए जब्त कर लिया जाएगा.
नाबालिग है ग्रुप एडमिन
उन्होंने बताया कि सोमवार को एक किशोर को पकड़ा गया था, जो इस ग्रुप का सदस्य है. दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त पीआरओ अनिल मित्तल ने बताया साइपैड यूनिट ने कथित ग्रुप और उसके सदस्यों के बारे में इन्स्टाग्राम से जानकारी मांगी है. अभी जवाब का इंतजार किया जा रहा है. ग्रुप के सदस्यों के पास से उपकरण लेकर जब्त कर लिए गए हैं. इन उपकरणों को फॉरेन्सिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है. उन्होंने बताया कि ग्रुप के अन्य सदस्यों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वयस्क आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. ग्रुप के नाबालिग सदस्यों से किशोर न्याय कानून के प्रावधानों के अनुसार जानकारी हासिल की जा रही है. पकड़े गए किशोर को अब तक किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश नहीं किया जा सका क्योंकि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से अदालतें फिलहाल बंद हैं.
यह भी पढ़ें-दिल्ली में जारी है लॉकडाउन का उल्लंघन, क्वारेंटीन सेंटर से भागे मजदूर, वीडियो वायरल
ग्रुप के सभी मेंबर्स को भेजे गए नोटिस
अधिकारी ने बताया कि ग्रुप के सभी चिह्नित सदस्यों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजे जा चुके हैं. पुलिस के अनुसार, वे पता लगा रहे हैं कि इस ग्रुप का एकमात्र उद्देश्य अश्लील संदेश और बच्चियों की, छेड़छाड़ कर तैयार की गई तस्वीरों को शेयर करना था या फिर यह ग्रुप एक सामान्य ग्रुप की तरह ही बनाया गया और बाद में ये संदेश और तस्वीरें शेयर की जाने लगीं. पूर्व में इन्स्टाग्राम ने कहा था कि वह इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहा है और इस तरह के आचरण की अनुमति बिल्कुल नहीं देता. इन्स्टाग्राम के अनुसार, बच्चियों की तस्वीरों वाली आपत्तिजनक सामग्री, जानकारी मिलने के तत्काल बाद प्लेटफार्म से हटा दी गई. इस मामले पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली महिला आयोग ने इन्स्टाग्राम और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया.
यह भी पढ़ें-दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम के घर दिल्ली की साइबर सेल की रेड
कुछ ग्रुप मेंबर्स एनसीआर के प्रतिष्ठित स्कूलों से
पुलिस ने बताया कि इस मामले में शामिल कुछ लोग राष्ट्रीय राजधानी के प्रतिष्ठित स्कूलों से हैं. एक लड़की ने इस ग्रुप की गतिविधियों के कुछ स्क्रीन शॉट शेयर किए, जिसके बाद इस ग्रुप का पता चला. पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया की निगरानी के दौरान उसने पाया कि इस ग्रुप के लोग इसका इस्तेमाल अश्लील संदेश और छेड़छाड़ से तैयार तस्वीरों को शेयर करने के लिए कर रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि आईटी कानून और आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत सोमवार को एक मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान एकत्र सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.