दिल्ली दंगों की साजिश में शामिल होने के साथ राजद्रोह के आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम की जमानत पर आज आने वाले फैसले को 30 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही अदालत में उसके खिलाफ अभियोजन पक्ष को 28 मार्च से रोजाना सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं। कड़कड़डूमा जिला अदालत स्थित एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत की अदालत में आरोपी शरजील इमाम पर 15 मार्च को आरोप तय किए जा चुके हैं। अब उसके खिलाफ ट्रायल चलेगा, अदालत ने ट्रायल शुरू के लिए अभियोजन पक्ष को निर्देश दिए, जिसमें 28 मार्च से मामले की रोजाना सुनवाई करने को कहा गया है।
इमाम की जमानत पर भी फैसला 30 मार्च तक स्थगित कर दिया। बता दें कि दिल्ली दंगों की साजिश में अहम आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका भी अदालत उस दिन पहले खारिज कर चुकी है। एक और आरोपी खालिद सैफी की जमानत याचिका पर भी फैसला 31 मार्च तक के लिए स्थगित है।
शरजील पर आरोप है कि उसने दिसंबर 2019 में दिल्ली के जामिया नगर इलाके में और जनवरी 2020 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए के विरोध में भड़काऊ भाषण दिए, जिसके कथित वीडियो भी पुलिस ने एविडेंस लिस्ट में रखें हैं। इन्हीं भाषणों के आधार पर उसके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। अदालत ने इमाम के खिलाफ राजद्रोह, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक दावे, दंगे के लिए उकसाने वाले बयान के तहत आरोप तय किए हैं।
आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में भारत सरकार के खिलाफ गहरी साजिश रची गई थी, इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में भ्रामक प्रचार किया, यह कहकर भड़काया गया की सीएए से मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा। पुलिस ने शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया था।
Source : Avneesh Chaudhary