दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण का स्तर चिंता का सबब बना हुआ है. राजधानी की हवा में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राज्य की सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक बसों को हरी झंडी दिखाई. जीरो एमिशन और शोर रहित ओलेक्ट्रा-बीवाईडी की 12 मीटर की इलेक्ट्रिक बस-ईबज के9 का आनंद विहार से महरौली के बीच परीक्षण किया गया. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली सचिवालय से 'मेक इन इंडिया' ईबज के9 को हरी झंडी दिखाई. यह नई इलेक्ट्रॉनिक बस रुत नंबर 534 पर आनंद विहार ISBT से महरौली टर्मिनल के बीच चलेगी. इलेक्ट्रॉनिक बसों का परीक्षण तीन महीनों तक चलेगा. 36 यात्रियों को बैठाने की क्षमता वाली ये बस दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करेगी.
ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लि. के कार्यकारी निदेशक एन. नागा सत्यम ने इस मौके पर कहा, 'लोगों को स्वस्थ पर्यावरण देने के प्रयासों में योगदान करने की हमारी प्रतिबद्धता के हिस्से के तौर पर, दिल्ली में किए जा रहे यह ट्रायल जीरो एमिशन ट्रांसपोर्ट विकल्प के लिए जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों के परिवर्तन की दिशा में एक और कदम है.'
कंपनी ने बताया कि ओलेक्ट्रा-बीवाईडी की इलेक्ट्रॉनिक बसें पहले ही हिमाचल प्रदेश, मुंबई, तेलंगाना और केरल में कॉमर्शियल रूप से चल रही हैं और सभी तरह के रास्तों और स्थितियों में चलने की अपनी क्षमता एवं टिकाउपन को साबित कर रही हैं.
बता दें कि राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए केजरीवाल सरकार एक बार राज्य में ऑड-इवन लागू कर सकती है. 2015 में ऑड इवन स्कीम को लागू किया था. दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण परेशानी का सबब बन चुका है.
(इनपुट-आईएएनएस)