दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस वर्ष फरवरी में उतर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान कथित तौर पर दंगे और आगजनी में संलिप्त एक आरोपी को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंबानी ने मोहम्मद अनवर को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की दो जमानत राशि पर राहत प्रदान की. उच्च न्यायालय ने उसे निर्देश दिया कि निचली अदालत की अनुमति के बगैर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को छोड़कर नहीं जाए और जेल के रिकॉर्ड में दर्ज पता के अनुसार अपने आवास पर ही रहे.
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी को अपने वकीलों से विचार-विमर्श करने और अपना बचाव तैयार करने का अधिकार है ताकि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसे निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार मिले. उच्च न्यायालय ने कहा कि जब तक आरोप पत्र का संज्ञान नहीं लिया जाता है और आरोपी को निचली अदालत तलब नहीं करती है, तब तक उसे मामले के जांच अधिकारी के समक्ष हर दूसरे शनिवार को पेश होना होगा.
इस मामले के अलावा वह इस वर्ष दिल्ली दंगों के सिलसिले में दयालपुर पुलिस द्वारा दर्ज चार अन्य प्राथमिकियों में भी आरोपी है. उसे चार में से दो मामलों में जमानत मिल गई है. अदालत के समक्ष अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के मुताबिक पिछले तीन महीने में जेल में अनवर का व्यवहार संतोषजनक रहा.
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान प्राथमिकी में जांच पूरी हो गई है और एक जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है. अभियोजन ने आरोप लगाया कि अनवर आगजनी और दंगे में संलिप्त था जिसके लिए उसे गिरफ्तार किया गया और तब से वह न्यायिक हिरासत में है.
Source : Bhasha